Dairy Loan Scheme : अगर आप पशुपालन या डेयरी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो सरकार आपके लिए सुनहरा मौका लेकर आई है. पशुपालन और डेयरी विभाग (Department of Animal Husbandry & Dairying) ने एक खास योजना शुरू की है, जिसके तहत आप बहुत कम ब्याज पर कर्ज ले सकते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि आपको पहले 2 साल तक कोई किस्त नहीं चुकानी होगी, और पूरे 8 साल तक केवल 3 फीसदी ब्याज देना होगा.
पहले दो साल नहीं देनी होगी कोई किश्त
सरकार ने इस योजना में पशुपालकों को राहत देने के लिए 2 साल की स्थगन अवधि (moratorium period) दी है. यानी योजना के पहले दो साल तक आपको बैंक को कोई किस्त नहीं चुकानी पड़ेगी. इस दौरान आप अपना डेयरी फार्म, पोल्ट्री या अन्य पशुपालन से जुड़ा प्रोजेक्ट तैयार कर सकते हैं. इससे व्यवसाय को मजबूत नींव मिलेगी और शुरुआती आर्थिक बोझ नहीं रहेगा.
8 साल तक सिर्फ 3 फीसदी ब्याज
इस योजना के तहत सरकार ब्याज सब्सिडी दे रही है. यानी आपको कुल 8 साल तक सिर्फ 3 फीसदी ब्याज देना होगा. सामान्य तौर पर बैंकों के ब्याज दर 9 फीसदी से 12 प्रतिशत तक होती है, लेकिन सरकार इस योजना में बाकी ब्याज खुद वहन करेगी. यह सुविधा शेड्यूल बैंकों, NABARD, NCDC, NDDB या SIDBI से लिए गए ऋण पर लागू होगी.
कुल लागत का 90% तक मिलेगा कर्ज
पशुपालन करने वाले किसानों को अपनी परियोजना की लागत का 90 फीसदी तक लोन मिलेगा. यानी यदि आपकी डेयरी या फार्म प्रोजेक्ट की लागत 10 लाख रुपये है, तो आपको 9 लाख रुपये तक का कर्ज मिल सकता है. बाकी 10 फीसदी राशि आपको अपने पास से निवेश करनी होगी. इससे नए और छोटे किसान भी आसानी से पशुपालन व्यवसाय शुरू कर सकेंगे.

Dairy Loan Scheme
ग्रामीण अर्थव्यवस्था और रोजगार को बढ़ावा
पशुपालन विभाग का कहना है कि इस योजना का मकसद गांवों में स्वरोजगार को बढ़ावा देना है. भारत की बड़ी आबादी कृषि और पशुपालन पर निर्भर है, लेकिन कई बार पूंजी की कमी के कारण किसान अपने व्यवसाय को आगे नहीं बढ़ा पाते. यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. सरकार ने इस योजना को International Year of Cooperatives 2025 से भी जोड़ा है. इसका उद्देश्य सहकारिता मॉडल के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है.
कौन ले सकता है इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ कोई भी किसान, युवा उद्यमी, महिला समूह या सहकारी संस्था ले सकती है जो पशुपालन, डेयरी, पोल्ट्री, बकरी पालन, भेड़ पालन या मत्स्य पालन से जुड़ा प्रोजेक्ट शुरू करना चाहता हो. आवेदन के लिए आवेदक को अपनी परियोजना की रूपरेखा, खर्च का अनुमान और आवश्यक दस्तावेज बैंक या संबंधित एजेंसी को देना होगा.
सहकारिता से बनेगा बेहतर भारत
सरकार ने इस योजना को Cooperatives Build a Better World थीम के तहत जोड़ा है. यानी छोटे किसानों और पशुपालकों को मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि उत्पादन बढ़े, लागत घटे और ग्रामीण आय में सुधार हो. सहकारिता मॉडल के जरिए देश में एक नई ग्रामीण क्रांति लाने की दिशा में यह योजना महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.
किसानों के लिए सुनहरा अवसर
अगर आप अपने गांव में डेयरी या पशुपालन यूनिट शुरू करने का सोच रहे हैं, तो यह समय बिल्कुल सही है. सरकार की यह योजना न केवल आर्थिक रूप से मदद करेगी, बल्कि आपके सपनों को नई उड़ान भी देगी. बस जरूरी है सही प्लानिंग और समय पर आवेदन की.