नादेप विधि से तैयार करें जैविक खाद, गोमूत्र मिलाने से क्वालिटी में आएगा ज्यादा सुधार!

नादेप कंपोस्ट बनाने के लिए सबसे पहले किसानों को ईंट, मिट्टी या फिर सीमेंट का एक टांका तैयार करना होगा, जो कि 10 फीट लंबा, 6 फीट चौड़ा और 3 फीट गहरा हो. साथ ही जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो.

नोएडा | Updated On: 17 Jul, 2025 | 01:52 PM

किसी भी फसल के बेहतर उत्पादन के लिए बेहद जरूरी है कि उस फसल को सही और पर्याप्त मात्रा में खाद दी जाए, ताकि पौधे के विकास में जिन पोषक तत्वों की जरूरत हो वे उसे मिल सकें. आज बाजार में मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने के लिए कई तरह की केमिकल खाद उपलब्ध हैं. किसान इन खादों का इस्तेमाल भी करते हैं, लेकिन लंबे समय तक केमिकल युक्त खादों का इस्तेमाल करना किसान, फसल और वातावरण, तीनों के लिए हानिकारक साबित होता है. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने खेतों में जैविक खाद का इस्तेमाल करें. खास बात ये है कि जैविक खाद को किसान आसानी से घर पर बना सकते हैं. ऐसी ही एक जैविक खाद है नादेप कंपोस्ट जिसे बनाने के लिए नादेप विधि (NADEP Method) का इस्तेमाल किया जाता है.

क्या है नादेप कंपोस्ट

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार नादेप कंपोस्ट नादेप विधि से तैयार की जाती है. नादेप विधि कंपोस्ट बनाने का ऐसा तरीका है जिसे महाराष्ट्र के किसान नारायण पान्डरी पाडे ने विकसित किया है. बता दें कि इन्हें नादेप काका के नाम से भी जाना जाता है. नादेप विधि से कंपोस्ट बनाने के लिए जमीन की सतह पर टांका या टंकी बनाई जाती है, जिसमें खेत में मौजूद अवशेष और बराबर मात्रा में खेत की मिट्टी और गोबर को मिलाकर बनाया जाता है. बता दें कि नादेप विधि की मदद से किसान 4 महीने में 1 किलोग्राम गोबर का इस्तेमाल कर 30 किलोग्राम जैविक खाद बना सकते हैं. अगर किसान खाद बनाते समय गोमूत्र भी मिला दिया जाए तो खाद की क्वालिटी और बढ़ जाती है.

किसान ऐसे बनाएं खाद

नादेप कंपोस्ट बनाने के लिए सबसे पहले किसानों को ईंट, मिट्टी या फिर सीमेंट का एक टांका तैयार करना होगा, जो कि 10 फीट लंबा, 6 फीट चौड़ा और 3 फीट गहरा हो. साथ ही जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो. टांके में हवा आने-जाने के लिए छोटे-छोटे छेद बनाएं. इसके बाद टांके में परतें बनाना शुरु करें. पहली परत में 1200 से 1500 किलोग्राम सूखा जैविक कचरा डालें. इसके ऊपर दूसरी परत में 1000 से 1200 किलोग्राम गोबर पानी में मिलाकर डालें. तीसरी परत के लिए 900 से 1000 किलोग्राम मिट्टी बिछाएं. इन परतों को इसी तरह तब तक दोहराते रहें जब तक टांका भर न जाए. ध्यान रहे कि हर परत में पानी का छिड़काव जरूर करें ताकि नमी बनी रहे. टांका भर जाने के बाद उसे मिट्टी और गोबर का लेप लगाकर ढक दें, इसके बाद बोरी या घास से ढक दें ताकि नमी बनी रहे और बारिश से बचाव भी किया जा सके.

कंपोस्ट तैयार करने का सही समय

नापेद कंपोस्ट को अगर गर्मियों में बनाया जा रहा है तो 2.5 से 3 महीने में ये तैयार हो जाती है, वहीं सर्दियों में ये खाद तैयार होने के लिए 4 महीने का समय लेती है. खाद पूरा तरह से तैयार हो गई है ये जानने के लिए टांके को खोलकर देखना होगा. अगर खाद का रंग काला-भूरा है और उसमें से मिट्टी जैसी खुशबू आए. इसके साथ ही हाथ में खाद लेने पर हल्की और दानेदार लगे तो समझ लें कि कंपोस्ट तैयार हो चुकी है. इस कंपोस्ट की खासियत है कि इसमें से किसी भी तरह की दुर्गंध नहीं होती है.

Published: 17 Jul, 2025 | 02:25 PM