इस फूल की खेती में छिपा है करोड़पति बनने का राज, आखिर कैसे 

भारत में गुलदाउदी की व्यावसायिक खेती इसकी अच्छी मांग के कारण की जाती है. इसके अलावा पूजा-पाठ, माला, गजरा समेत बाकी कामों में भी किया जाता है. बाजार में इस फूल की बढ़ती मांग के कारण इसका व्यवसाय मोटी कमाई दे सकता है.

Kisan India
Noida | Published: 7 Apr, 2025 | 03:49 PM

गुलदाउदी, वह फूल जिसकी खेती दुनिया भर में की जाती है और इसे एक महत्वपूर्ण फूल की खेती माना जाता है. विशेषज्ञों के अनुसार अगर इस फूल को ग्रीनहाउस में उगाया जाए तो यह बहुत ज्‍यादा फसल देता है. भारत में गुलदाउदी की व्यावसायिक खेती इसकी अच्छी मांग के कारण की जाती है. इसके अलावा पूजा-पाठ, माला, गजरा समेत बाकी कामों में भी किया जाता है. बाजार में इस फूल की बढ़ती मांग के कारण इसका व्यवसाय मोटी कमाई दे सकता है. जानें कैसे इसकी खेती एक किसान को करोड़पति तक बना सकती है. 

किस तरह की मिट्टी जरूरी

गुलदाउदी एक बारहमासी पौधा है जो 50 से 150 सेमी तक लंबा हो जाता है. गुलदाउदी की खेती व्यावसायिक रूप से कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब और महाराष्‍ट्र में की जाती है. इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली लाल दोमट और 6-7 पीएच वाली मिट्टी खेती के लिए अच्छी होती है. 

जमीन सबसे जरूरी 

गुलदाउदी की खेती के लिए अच्छी तरह से तैयार की गई जमीन बहुत जरूरी होती है. मिट्टी को अच्छी तरह से उपजाऊ बनाने के लिए 2-3 जुताई के बाद हैरोइंग की जरूरत होती है. आखिरी जुताई के समय, 8-10 टन प्रति एकड़ की दर से गोबर की खाद डालें. फरवरी-मार्च के महीने में पौधों की जड़ें लगाई जाती हैं और जून-जुलाई के महीने में आखिरी कटिंग्‍स को लगाया जाता है. गुलदाउदी की खेती के लिए 8 से 16 डिग्री तापमान सबसे बेहतर होता है.  

कैसे बोएं बीज 

पंक्ति से पंक्ति और पौधे से पौधे के बीच 30 सेमी x 30 सेमी की दूरी पर रखें. पॉलीथीन बैग में गहराई 1-2 सेमी होनी चाहिए. बीज बोने के लिए प्रसार विधि का प्रयोग किया जाता है. गुलदाउदी को मुख्‍य तौर पर टर्मिनल स्टेम कटिंग विधि के जरिये किया जाता है. टर्मिनल कटिंग विधि में, स्वस्थ पौधे की कटिंग अप्रैल के मध्य से जून के अंत तक 4-5 सेमी ऊपर से की जाती है.  45,000 पौधे/एकड़ की रोपण घनत्व का उपयोग करें. 

कैसे दूर करें खरपतवार 

खेत को खरपतवार मुक्त रखने और पौधे की उचित वृद्धि के लिए 2-3 बार हाथ से निराई-गुड़ाई की जरूरत होती है. पहली निराई रोपण के 4 सप्ताह बाद की जाती है. पौधे में सिंचाई मौसम और मिट्टी की स्थिति पर निर्भर करती है. गुलदाउदी को मिट्टी में उचित जल निकासी प्रणाली की जरूरत होती है. मुख्य रूप से पहले महीने में सप्ताह में दो बार सिंचाई की जाती है और उसके बाद साप्ताहिक अंतराल पर सिंचाई की जाती है. 

कितनी होती है फसल 

फूल मुख्य तौर पर रोपण के 5-6 महीने बाद शुरू होते हैं. साथ ही फूलों की कटाई अक्टूबर-नवंबर महीने में की जाती है. आमतौर पर सुबह के समय पूरी तरह से खिले हुए फूलों की कटाई की जाती है. यह औसतन प्रति हेक्टेयर 100-150 क्विंटल फूलों की उपज होती है गुलदाउदी का रेट 150 से 400 रुपये किलोग्राम तक होता है.

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