गाय के गोबर से बनेगी ईंट और पेंट, यूपी में खुलेंगी जैविक खाद यूनिट.. युवाओं को मिलेगी ट्रेनिंग

प्रदेश गो सेवा आयोग के ओएसडी डॉ अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि हर एक जिले से एक गोशाला को चुनकर उसे आत्मनिर्भर गोशाला के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है.उन्होंने बताया कि इन गोशालाओं को न केवल गो संरक्षण का केंद्र बनाया जाएगा, बल्कि इन्हें पंचगव्य आधारित उत्पादन का हब भी बनाया जाएगा.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 30 Jun, 2025 | 12:15 PM

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के सशक्तीकरण और गौपालन को बढ़ावा देने की कोशिशों में लगातार लगी रहती है. अब इसी कड़ी में ग्रामीण अर्थव्यावस्था को मजबूत करने की दिशा में योगी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. बता दें कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में पंचगव्य-औषधि, गो-पेंट और जैविक खाद की प्रोसेसिंग यूनिटों को स्थापित किया जाएगा. इस काम के लिए हर एक जिले से एक-एक गोशाला को चुना गया है. इन गोशालाओं को आत्मनिर्भर गोशालाओं के रूप में विकसित किया जाएगा.

जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर

योगी सरकार के ‘एक जनपद-एक नवाचार मॉडल’ के तहत बनाई जा रही जैविक खाद यूनिटों की मदद से न केवल जैविक उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे. योगी सरकार ने हर जिले की स्थानीय विशेषता को ध्यान में रखते हुए गांवों में नवाचार की नीति तैयार की है. इस नीति के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों और युवाओं को ट्रेनिंग देकर पंचगव्य से बने उत्पाद, गोबर से बने ब्लॉक, बायोगैस, गोमूत्र औषधि, जैव बीज आदि के निर्माण और उन्हें किसानों तक पहुंचाने के काम में लगाया जाएगा.

गोशाला पंचगव्य उत्पादों का हब बनेंगी

उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार प्रदेश गो सेवा आयोग के ओएसडी डॉ अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि हर एक जिले से एक गोशाला को चुनकर उसे आत्मनिर्भर गोशाला के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है.उन्होंने बताया कि इन गोशालाओं को न केवल गो संरक्षण का केंद्र बनाया जाएगा, बल्कि इन्हें पंचगव्य आधारित उत्पादन का हब भी बनाया जाएगा. जिससे ग्रामीण इलाके के लोग इन उत्पादनों से अच्छी आमदनी भी कर सकें और इस तरह प्रदेश में वातावरण के अनुकूल खेती को भी बढ़ावा मिलेगा.

महिलाओं और युवाओं को ट्रेनिंग

योगी सरकार के इस फैसलें से ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. गोशालाओं के माध्यम से स्थानीय युवाओं और महिला समूहों को ट्रेनिंग देकर उन्हें उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और विपणन से जोड़ा जाएगा. इससे ग्रामीण युवाओं को उनके गांव में ही स्वरोजगार मिलेगा और वे शहर जाने की जगह अपने गांव में ही रुकेंगे. बता दें कि चुनी गई गोशालाओं में बायोगैस उपकरणों की स्थापना की जाएगी, जिससे साफ ऊर्जा का उत्पादन होगा, साथ ही गोबर से बने ईंटनुमा ब्लॉक भी तैयार किए जाएंगे, जिनका इस्तेमाल निर्माण कार्यों और ईंधन के रूप में किया जा सकेगा. योगी सरकार प्रदेश में न केवल गोवंश आधारित अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर रही है, बल्कि युवाओं के भविष्य को भी उज्ज्वल बना रही है.

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Published: 30 Jun, 2025 | 12:15 PM

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