क्या 20 रुपये में मिल रही पानी की बोतल सच में मिनरल वॉटर है? कैसे करें असली की पहचान

कई लोग मानते हैं कि जो पानी बोतल में बंद हो, वो साफ और शुद्ध होता है. लेकिन यह हमेशा सच नहीं होता. बाजार में कई छोटी-बड़ी कंपनियां पानी की बोतलें बेचती हैं, जिनमें से कुछ सिर्फ ठंडा नल का पानी भरकर मिनरल वॉटर के नाम पर ग्राहकों को बेच देती हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 30 Jun, 2025 | 11:18 AM

गर्मियों की तपिश में अगर कुछ सबसे ज्यादा राहत देता है, तो वो है ठंडा पानी. बाहर निकलिए और हलक सूखने लगे तो पहला हाथ पानी की बोतल की तरफ ही बढ़ता है. अक्सर हम दुकान से 20 रुपये की बोतल खरीद लेते हैं, उस भरोसे के साथ कि यह ‘मिनरल वॉटर’ है और सुरक्षित है. लेकिन क्या वाकई यह भरोसा सही है? क्या बोतल में भरकर जो पानी बेचा जा रहा है, वो किसी शुद्ध पहाड़ी स्रोत से आया है या फिर किसी नल से?

आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप खुद पता कर सकते हैं कि आपके पास जो पानी की बोतल है, उसमें असली मिनरल वॉटर है या सिर्फ दिखावे का.

हर ठंडी बोतल, मिनरल वॉटर नहीं होती

कई लोग मानते हैं कि जो पानी बोतल में बंद हो, वो साफ और शुद्ध होता है. लेकिन यह हमेशा सच नहीं होता. बाजार में कई छोटी-बड़ी कंपनियां पानी की बोतलें बेचती हैं, जिनमें से कुछ सिर्फ ठंडा नल का पानी भरकर मिनरल वॉटर के नाम पर ग्राहकों को बेच देती हैं. इसकी पैकिंग तो अच्छी होती है, लेकिन अंदर का पानी आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर सकता है.

‘PWS’ का मतलब समझिए

अगर आप वाकई जानना चाहते हैं कि बोतल में भरा पानी कहां से आया है, तो सबसे पहले उस पर लिखे छोटे-छोटे अक्षरों को पढ़ना शुरू करिए. खासकर ‘PWS’ शब्द पर ध्यान दीजिए. PWS यानी ‘Public Water Source’  इसका मतलब यह है कि यह पानी किसी सार्वजनिक स्रोत (जैसे कि नल या टंकी) से लिया गया है, ना कि किसी प्राकृतिक स्रोत से.

कई कंपनियां अब बोतल पर यह लिखने लगी हैं, खासकर कुछ विदेशी ब्रांड्स जिन्होंने यह मान लिया था कि वे नल का पानी ही बेच रहे थे. अगर आपकी बोतल पर भी PWS लिखा है, तो समझिए वो पानी उतना खास नहीं है जितना आप समझ रहे थे.

मिनरल वॉटर बनाम नल का पानी में  फर्क जानिए

मिनरल वॉटर को प्राकृतिक स्रोत से लिया जाता है और उसमें जरूरी मिनरल्स होते हैं. वहीं, PWS वाले पानी को क्लोरीन या UV से ट्रीट करके पैक कर दिया जाता है. यानी यह घरेलू फिल्टर से निकले पानी जैसा ही होता है, जरूरी नहीं कि खतरनाक हो, लेकिन वह “मिनरल वॉटर” नहीं है.

खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान?

अब सवाल उठता है कि जब आप 20 रुपये की बोतल खरीदें, तो किन बातों को देखकर फैसला लें?

सोर्स देखें: बोतल के लेबल पर लिखा होता है कि पानी का स्रोत क्या है- “Spring Water”, “Natural Mineral Water”, या “PWS”.

ISI मार्क और FSSAI नंबर देखें: ये सरकारी मंजूरी के संकेत होते हैं. अगर ये नहीं हैं तो बोतल पर भरोसा ना करें.

सील टूटी हो तो बिल्कुल ना लें: बोतल की सील हमेशा सही तरीके से बंद होनी चाहिए. टूटी हुई सील खतरे की घंटी है.

निर्माण और समाप्ति तारीख देखें: ताजा पानी हमेशा बेहतर होता है.

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Published: 30 Jun, 2025 | 11:17 AM

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