हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी है. प्रदेश सरकार ने ऐलान किया है कि प्राकृतिक तरीके से उगाए गए गेहूं और कच्ची हल्दी की खरीद 15 मई से शुरू होगी. खास बात यह है कि गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से की जाएगी. वहीं, कच्ची हल्दी की खरीद MSP 90 रुपये प्रति किलोग्राम पर शुरू होगी. राज्य सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से प्रदेश में प्राकृतिक तरीके से गेहूं और हल्दी की खेती करने वाले किसानों को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही उनकी इनकम में भी बढ़ोतरी होगी.
सचिव (कृषि) सी पालरासु ने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं व हल्दी की खरीद के लिए किसानों की पहचान कर ली गई है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक रूप से उगाए गए मक्का, गेहूं, कच्ची हल्दी व जौ के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी देश में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग ने पांगी को प्राकृतिक खेती उपमंडल के रूप में प्रमाणित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सी पालरासु के मुताबिक, सहभागिता गारंटी योजना के तहत बड़े क्षेत्र के प्रमाणीकरण के लिए पांगी में सर्वेक्षण के लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत एक समिति गठित की गई है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी
पालरासु ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इस संबंध में, कम लागत वाली, गैर-रासायनिक प्राकृतिक खेती तकनीक के माध्यम से किसानों की अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने और प्रकृति के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए उनकी आय बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
क्या बोले थे कृषि एवं पशुपालन मंत्री
वहीं, बीते दिनों ने कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंदर कुमार ने कहा था कि हिमाचल सरकार कच्ची हल्दी पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने की योजना बना रही है. उन्होंने हल्दी के औषधीय गुणों का जिक्र करते हुए कृषि अधिकारियों को राज्य में इसकी खेती और उपयोग की संभावनाएं बढ़ाने के निर्देश दिए थे. मंत्री ने कहा था कि सरकार कच्ची हल्दी की खरीद 90 रुपये प्रति किलो की दर से शुरू करने जा रही है. उन्होंने यह भी कहा था कि खेती हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा व्यवसाय है, जिससे किसान अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं.