लाख कीट पालन से लखपति बनेंगे किसान, राज्य सरकार ट्रेनिंग और पैसा देगी

छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लाख से लखपति योजना चला रही है. इस योजना के तहत किसानों को लाख कीट पालन की ट्रेनिंग दी जा रही है, साथ ही बीहन लाख, ब्याज मुक्त लोन और बाजार तक बिक्री की सुविधा भी मिल रही है.

नोएडा | Updated On: 14 Jul, 2025 | 05:57 PM

छत्तीसगढ़ सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक नई योजना चला रही है, जिसका नाम है लाख से लखपति. पहले जंगलों में चुपचाप होने वाला लाख कीट पालन अब सरकार की मदद से एक बड़ा ग्रामीण व्यवसाय बन रहा है. खासकर बस्तर जैसे इलाकों में यह योजना किसानों की जिंदगी बदल सकती है. सरकार किसानों को लाख पालन की ट्रेनिंग, बीहन लाख, ब्याज मुक्त लोन और बाजार तक बिक्री की सुविधा भी दे रही है. यानी कम खर्च में अच्छी कमाई और जंगलों की भी होगी सुरक्षा.

जंगल की ताकत से अब गांव कमाएगा लाखों

लाख कीट पालन कोई नया काम नहीं है, लेकिन अब वक्त की मांग है कि इसे वैज्ञानिक तरीके से अपनाया जाए. छत्तीसगढ़ में हर साल करीब 4000 मीट्रिक टन लाख का उत्पादन होता है. ये कीट कुसुम, पलाश और बेर जैसे पेड़ों पर पाले जाते हैं और एक खास तरह की प्राकृतिक राल (रेजिन) बनाते हैं. इस रेजिन से पेंट, वार्निश, सजावटी वस्तुएं और दवाइयां बनाई जाती हैं. अच्छी बात ये है कि लाख की मांग भारत ही नहीं, विदेशों में भी लगातार बनी हुई है.

बस्तर के जंगल से शुरू हुआ बदलाव

छत्तीसगढ़ के वन विभाग की ओर से हाल ही में बस्तर जिले के माचकोट परिक्षेत्र के जीरागांव में लाख पालन को लेकर एक विशेष कार्यक्रम हुआ. इसमें बस्तर सांसद महेश कश्यप ने खुद बेर के पेड़ पर बीहन लाख बांधकर किसानों को प्रेरित किया. उन्होंने बताया कि थोड़ी मेहनत से लाखों की कमाई की जा सकती है, बस जरूरत है जंगल से जुड़ने और उसकी सुरक्षा करने की. इस मौके पर तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका भी दी गईं, ताकि वे जंगल में काम करते समय सुरक्षित रह सकें.

Lac insect farming

सांसद महेश कश्यप ने बेर के पेड़ पर बीहन लाख बांधकर दी प्रेरणा

सरकार दे रही है ट्रेनिंग और ब्याज मुक्त लोन

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ इस पूरी योजना को जमीन पर उतार रहा है. इतना ही नहीं, किसानों को बीहन लाख मुफ्त या सब्सिडी पर दी जा रही है, ट्रेनिंग कराई जा रही है और सबसे अहम बात यह है कि बिना ब्याज ऋण की सुविधा भी मिल रही है. इसके अलावा, सरकार बीहन लाख की बिक्री और बाजार से जोड़ने का काम भी खुद कर रही है. यानी किसानों को मार्केट की चिंता नहीं करनी पड़ेगी.

कम लागत में कमाई और जंगलों की भी सुरक्षा

लाख कीट पालन एक बार शुरू हो जाए तो इसमें खर्च बहुत कम होता है, क्योंकि पेड़ पहले से जंगलों में मौजूद रहते हैं. सरकार बीहन लाख देती है और बाजार तक पहुंच भी आसान बना रही है. इससे किसानों को खेती के अलावा कमाई का नया जरिया मिल रहा है. सबसे अच्छी बात यह है कि यह पर्यावरण के अनुकूल है और जंगलों की सुरक्षा में भी मदद करता है. यानी कम लागत में मुनाफा और साथ में प्रकृति की भी देखभाल, यही लाख पालन की सबसे बड़ी ताकत है.

Published: 14 Jul, 2025 | 08:20 PM