केला की खेती का सेंटर बनेगा ये शहर, 3 हजार हेक्टेयर में होगी Banana Farming

महाराष्ट्र सरकार ने पुणे जिले को 'केला हब' के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है, जिसके तहत जिले में केले की खेती को 600 हेक्टेयर से बढ़ाकर 3,000 हेक्टेयर तक किया जाएगा और 5 साल में 2 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

Kisan India
नोएडा | Published: 26 Apr, 2025 | 09:30 AM

महाराष्ट्र सरकार और कृषि विभाग की नई योजना के तहत अब पुणे जिले को ‘केला हब’ के तौर पर विकसित किया जाएगा. इस योजना तहत जिले में केले की खेती को 600 हेक्टेयर से बढ़ाकर 3,000 हेक्टेयर तक की योजना बनाई गई हैं. इसका उद्देश्य यह है कि आने वाले पांच सालों में सालाना 2 लाख टन केले का उत्पादन किया जा सके और विदेशों में निर्यात को बढ़ावा मिल सकें.

फिलहाल सिर्फ 600 हेक्टेयर में होती है खेती

फिलहाल पुणे में केले की खेती महज 600 हेक्टेयर में होती है, जो इस फल की संभावनाओं के हिसाब से बहुत कम है. लेकिन अब यह रकबा लगभग पांच गुना बढ़ाया जाएगा, और इसके साथ उन्नत तकनीकों और स्मार्ट खेती को भी जोड़ा जाएगा. इसका मकसद है कि हर हेक्टेयर की उपज को 42 टन से बढ़ाकर 65 टन तक लाया जाए.

एआई और क्लस्टर सिस्टम से बदलेगा खेती का चेहरा

पुणे के जिला कृषि अधिकारी के मुताबिक, अब खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लस्टर बेस्ड एप्रोच अपनाई जाएगी. इसका मतलब है कि किसानों को तकनीकी सहायता मिलेगी, खेती की निगरानी स्मार्ट तरीके से होगी, और फसल की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा. साथ ही एडवांस वेयरहाउसिंग सिस्टम तैयार किए जाएंगे जहां एक्सपोर्ट क्वालिटी केले की जांच, ग्रेडिंग और पैकिंग की जाएगी, ताकि केले को सीधे विदेशों को भेजी जा सके.

साल 2023 में पहला ट्रायल शिपमेंट लिया गया

भारत दुनिया का सबसे बड़ा केला उत्पादक देश है, इसके बावजूद साल 2024 में निर्यात महज 1 फीसदीही हुई क्योंकि यह जल्दी खराब होने वाले फलों में से एक और घरेलू मांग अधिक होना है. इसी कड़ी में सरकार ने सी प्रोटोकॉल (समुद्री रास्ते से निर्यात) को अपनाने की योजना बनाई है जिसके तहत साल 2023 में ट्रायल शिपमेंट के तौर पर पहली बार नीदरलैंड्स को समुद्री जहाज से केला भेजा गया हैं. इसके साथ ही बता दें की भारत में केले की कई किस्में उगाई जाती हैं, जैसे: रोबस्टा, रासथाली, पूवन, नेंदरन, रेड बनाना, मालभोग, मंथन और येलक्की. वहीं उत्पादन के मामले में आंध्र प्रदेश सबसे आगे है, उसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश का नंबर आता है.

किसानों को होगा सीधा फायदा

इस पूरी योजना का सबसे बड़ा फायदा किसानों को मिलेगा. उन्हें खेती के लिए नई तकनीक, बेहतर बीज, प्रशिक्षण और सरकारी समर्थन मिलेगा. साथ ही, जब फसल विदेशों में अच्छे दाम पर बिकेगी, तो उनकी आय में सीधा इजाफा होगा. इससे गांवों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे. इस योजना के जरिए सरकार सिर्फ खेती नहीं, बल्कि इसे एक बिजनेस मॉडल में बदलने की कोशिश कर रही है. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चला तो पुणे ही नहीं, बल्कि पूरा भारत जल्द ही ‘केला हब’ के रूप में दुनिया में अपनी पहचान बना लेगा.

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Published: 26 Apr, 2025 | 09:30 AM

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