Moong Best Seeds: कमाल की है हरी मूंग की ये उन्नत किस्म, यहां से सस्ते में खरीदें बीज

हरी मूंग पीडीएम- 139 के 4 किग्रा बीज का पैकेट बाजार में 1025 रुपये पर मिल रहा है जबकि राष्ट्रीय बीज निगम यही पैकेट मात्र 683 रुपये में उपलब्ध करा रहा है. किसान चाहें तो इसके बीजों को घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं.

नोएडा | Updated On: 23 Jun, 2025 | 11:06 PM

दलहनी फसलों की प्रमुख फसलों में से एक है हरी मूंग, जिसकी खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते ही. लेकिन मूंग की फसल से अच्छा उत्पादन और अच्छी कमाई करने के लिए बेहद जरूरी है कि किसान सही किस्मों का चुनाव करें. ऐसी ही हरी मूंग की एक उन्नत किस्म है हरी मूंग पीडीएम- 139 (Green Gram PM-139). जिसकी खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है. बता दें कि हरी मूंग की इस किस्म की प्रति हेक्टेयर फसल से किसानों को 10 से 12 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है. किसानों इस किस्म के बीजों को घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं.

सस्ते में खरीदें बीज

किसी भी फसल को लगाने में किसानों को बहुत सी आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार कई तरह से किसानों की मदद करती है. इसी कड़ी में किसानों की सहूलियत के लिए सरकार की तरफ से किसानों को फसलों के बीज बाजार से कम कीमत पर उपलब्ध कराए जाते हैं. राष्ट्रीय बीज निगम किसानों को कम कीमत पर बीज उपलब्ध कराता है. हरी मूंग पीडीएम- 139 के 4 किग्रा बीज का पैकेट बाजार में 1025 रुपये पर मिल रहा है जबकि राष्ट्रीय बीज निगम यही पैकेट मात्र 683 रुपये में उपलब्ध करा रहा है. किसान चाहें तो इसके बीजों को घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं.

हरी मूंग पीडीएम- 139 की खासियत

मूंग की इस किस्म को सम्राट भी कहा जाता है. इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIPR) द्वारा विकसित किया गया है. इसकी खासियत है कि यह किस्म पीले मोजेक वायरस और क्रिंकल रोग के प्रति सहनशील है. इसके बीज चमकदार हरे रंग के होते हैं. इसकी प्रति एकड़ फसल के लिए 8 से 10 किग्रा बीज की जरूरत होती है. हरी मूंग की इस किस्म को रबी और खरीफ दोनों ही मौसमों में उगाई जा सकती है.

किस्म से कितनी होती है पैदावार

बात करें हरी मूंग की इस किस्म से मिलने वाली पैदावार की तो इसकी प्रति हेक्टेयर फसल से 10 से 12 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है. आमतौर पर इस किस्म की बुवाई के 55 से 60 दिनों बाद फसल पककर तैयार हो जाती है. ध्यान रखना होगी कि इसकी खेती के लिए तापमान 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए.

Published: 24 Jun, 2025 | 06:00 AM