जहां बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में किसान कृषि लोन लेने से कतराते हैं, वहीं तेलंगाना में अन्नदाता खेती करने के लिए धड़ल्ले से बैंकों से पैसा उठा रहे हैं. खास कर राज्य बनने के बाद से किसानों ने अब तक 4.51 लाख करोड़ रुपये का कृषि लोन लिया है. हालांकि, किसानों के इस कदम से खेती में बहुत बड़ा बदलाव भी आया है. लोन के पैसे से किसान समय पर फसलों की बुवाई कर रहे हैं, जिससे अधिक पैदावार के साथ-साथ बंपर कमाई भी हो रही है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, केवल साल 2024-25 में किसानों ने बैंक से 75,000 करोड़ रुपये का कृषि लोन लिया. कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार की कर्ज माफी योजना और लोन लेने की प्रक्रया के आसान होने से भी किसान तेजी से कृषि लोन ले रहे हैं. वहीं, इस मॉनसून सीजन में बैंक ने 52,290 करोड़ रुपये के लक्ष्य का 30 फीसदी यानी 15,932.96 करोड़ रुपये 9,68,792 किसानों को कर्ज दिए हैं. इस पैसे से करीब 1.02 करोड़ एकड़ जमीन पर समय पर फसल बोई जा सकी है, जिससे मौसम की अनिश्चितताओं के बावजूद खेती सही समय पर चल रही है.
21,000 करोड़ रुपये की कर्जमाफी
सत्ता में आने के कुछ ही महीनों में ही कांग्रेस ने 2 लाख रुपये तक के कर्ज की एक बार की माफी लागू की, जो 11 दिसंबर 2018 से 7 दिसंबर 2023 के बीच लिए गए कर्ज पर लागू है. इस कदम से 25 लाख किसानों का 21,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ हुआ, जिससे उन्हें नई फसल के लिए निवेश करने की जरूरी राहत मिली. राज्य स्तरीय बैंकर समिति के जरिए सरकार ने सटीक मौसमी लक्ष्य तय किए और बैंकों से फसली कर्ज जल्दी जारी करने को कहा है. वहीं, कर्ज माफी के पैसे समय पर बैंकों को लौटाने से नए लोन का प्रवाह तेज हुआ है.
किसानों को कब कितने मिले कृषि लोन
साल 2023-24 ने कृषि लोन में एक नया रिकॉर्ड बनाया. मॉनसून सीजन के लिए राज्य ने 54,480 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 44,438 करोड़ रुपये (81.57 फीसदी) 33,38,609 किसानों को दिए गए. रबी सीजन में 36,315 करोड़ रुपये के लक्ष्य में से 28,666.74 करोड़ रुपये (78.94 फीसदी) 14,50,380 किसानों तक पहुंचे. दोनों सीजनों में कुल 73,104.74 करोड़ रुपये 47,88,989 किसानों को मिले, जो तेलंगाना के इतिहास में सबसे ज्यादा है. पिछले साल की तुलना में कर्ज वितरण में करीब 9,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई और 1.32 लाख किसानों को संस्थागत वित्त तक पहुंच मिली.
कृषि लोन से किसानों को हुआ फायदा
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि कर्ज बढ़ोतरी सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्र की ताकत बढ़ाने का जरिया है. समय पर मिलने वाला लोन किसानों को अच्छे बीज, खाद और मशीनरी खरीदने में मदद करता है. साथ ही नई खेती के तरीकों को अपनाकर पैदावार और आमदनी बढ़ाने में भी सहारा देता है. कर्ज माफी ने हजारों किसानों को महंगे उधार के जाल से बाहर निकाला है. बेहतर नकदी मिलने से किसान अनियमित बारिश, कीटों या कीमत गिरने जैसे जोखिमों को बेहतर तरीके से संभाल पाते हैं.