Potato Farming: रबी सीजन की शुरुआत के साथ ही देशभर के किसानों ने रबी फसलों की बुवाई शुरू कर दी हैं, जिनमें आलू भी शामिल है. आलू ऐक ऐसी सब्जी है जिसकी मांग उपभोक्ताओं के बीच हर समय बनी रहती है. बाजार में इसकी मांग को देखते हुए, किसान भी इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. इस समय देश के कई हिस्सों में किसान आलू की अगेती किस्मों की बुवाई कर रहे हैं. ऐसे में अगर किसान अच्छे से देखभाल कर आलू की खेती करते हैं तो उनके लिए ये मुनाफे का सौदा हो सकता है. इसलिए जो किसान इस रबी सीजन आलू की खेती से अच्छी कमाई करना चाहते हैं, उनके लिए जरूरी है कि वे बुवाई से पहले इन 5 बातों का खास खयाल रखें.
1- मिट्टी की जांच जरूर करें
किसी भी फसल की बुवाई से पहले सबसे पहले बेहद ही जरूरी होता है कि किसान अपने खेत की मिट्टी की जांच कर लें ताकि वो ये सुनिश्चित कर सकें कि उनके खेत की मिट्टी किस तरह की फसल के लिए सही है. ऐसा ही कुछ आलू की खेती के साथ भी है. आलू की बुवाई से पहले किसान मिट्टी को जांच (Soil Test) लें कि मिट्टी आलू के लिए सही है या नहीं. बता दें कि, आलू की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी रहती है, जिसका pH मान 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए.
2-खेत की गहरी जुताई करें
आलू की बुवाई करने से पहले अपने खेत की गहराई से 3 से 4 बार जुताई करें. पहली जुताई पलटने वाले हल से करें ताकि मिट्टी भुरभुरी हो सके और ताकि खरपतवार, कीड़े-मकोड़े और पुरानी जड़ें नष्ट हो सकें. इसके बाद 2 से 3 बार हल्की जुताई करें. जुताई करने के बाद पाटा या फिर रोटावेटर (Rotavator)चलाकर खेत को समतल कर लें, ताकि खेत में पानी न जमा हो. खेत की जुताई के समय मिट्टी में प्रति एकड़ की दर से 8 से 10 टन गोबर की खाद या कंपोस्ट जरूर डालें
3-बुवाई से पहले बीज उपचार
इस समय जो भी किसान आलू की अगेती किस्मों की खेती करना चाहते हैं, उनके लिए जरूरी है कि वे आलू की फसल (Potato Crop)से अच्छी पैदावार लेने के लिए बुवाई से पहले बीजों का उपचार (Seed Treatment) जरूर कर लें. बीज उपचार करने से फसल को रोगों से बचाया जा सकता है. साथ ही फसल तैयार करने में किसानों की लागत में कमी आएगी और उत्पादन ज्यादा मिलेगा.

बुवाई से पहले बीज उपचार है जरूरी (Photo Credit- Canva)
4- इस विधि से करें बीज उपचार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आलू की बुवाई से पहले बीज उपचार करने के लिए किसानों को एक हफ्ते पहले से तैयार करनी होती है. बीज उपचार करने के लिए किसान आलू को एक सप्ताह पहले काटकर दो भागों में बांट लें, उसके बाद किसी बड़े टब में 2 ग्राम मैंकोजेब 75 डब्ल्यूपी (Mancozeb 75 WP) को प्रति लीटर पानी में घोलकर तैयार कर लें. इसके बाद कटे हुए आलू के टुकड़ों को तैयार किए गए घोल में 15 मिनट के लिए भिगोएं और फिर आलू के कटे हुए टुकड़ों को निकाल कर छायादार जगह पर सूखा लें. इस पूरी प्रक्रिया के बाद आलू की फसल की बुवाई कर दें.
5- सिंचाई और जल निकासी का इंतजाम
आलू की फसल को बढ़ने के लिए शुरुआती समय में नमी की बहुत जरूरत होती है, इसलिए खेत में नालियां जरूर बनाएं या फिर ड्रिप सिंचाई (Drip Irrigation)की मदद से खेत की सिंचाई करें. लेकिन किसानों को ध्यान रखना होगा कि आली खड़े पानी में खड़ा नहीं रह सकता, इसलिए खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें. किसानों को सलाह दी जाती है कि वे आलू के खेत को थोड़ा ढाल वाला रखें या फिर ऊंचे बेड बना दें.