खेत की पैदावार बढ़ाने के लिए ड्रिप सिंचाई से इस उर्वरक का करें छिड़काव, चौंका देगा रिजल्ट

यूरिया फॉस्फेट एक ऐसा उर्वरक है जिसका इस्तेमाल हर तरह की फसल पर किया जा सकता है. पेड़-पौधों पर इसका छिड़काव करने से नई शाखाओं के विकास में मदद मिलती है.

नोएडा | Published: 27 Jul, 2025 | 07:28 PM

किसी भी फसल से बेहतर उत्पादन पाने के लिए बेहद जरूरी है कि उस फसल का सही ढंग से खयाल रखा जाए और उसे पर्याप्त मात्रा में जरूरी पोषण दिया जाए. किसान अपनी फसलों की देखभाल जी-जान लगाकर करते हैं और सही और जरूरी पोषण देने की भी कोशिश करते हैं. लेकिन कई बार सही पोषण न मिल पाने के कारण फसल की क्वालिटी और पैदावार में कमी आने लगती है. जिससे किसानों को बाजार में उनकी पैदावार की सही कीमत नहीं मिलती है.

कैसे काम करती है यूरिया फॉस्फेट

इफको द्वारा बनाई गई यूरिया फॉस्फेट पानी में घुलने वाला उर्वरक है जिसमें फॉस्फोरस और नाइट्रोजन मौजूद है. इसकी खासियत है कि इसके छिड़काव से न केवल पौधों का विकास होता है बल्कि ड्रिप सिंचाई में इस्तेमाल किए जाने वाला पाइप भी साफ होता है. इस उर्वरक में मौजूद फॉस्फोरस और नाइट्रोजन फूल और फलों के विकास में मदद करते हैं. इस उर्वरक को इफको द्वारा इस तरह तैयार किया गया है जिसमें उर्वरक को ड्रिप सिंचाई द्वारा फसलों पर छिड़काव किया जा सकता है.

उर्वरक के फायदे

यूरिया फॉस्फेट एक ऐसा उर्वरक है जिसका इस्तेमाल हर तरह की फसल पर किया जा सकता है. पेड़-पौधों पर इसका छिड़काव करने से नई शाखाओं के विकास में मदद मिलती है, साथ ही पौधों की ग्रोथ और बढ़त में भी मदद मिलती है. यूरिया फॉस्फेट के इस्तेमाल से पौधे की जड़ें मजबूत होती हैं और बीजों के विकास में भी मदद हो जाती है. इस उर्वरक का एक और इस्तेमाल है, इसकी खासित है कि इसके इस्तेमाल से ड्रिप सिंचाई में इस्तेमाल किए जाने वाले पाइप में जमा हो जाने वाले अम्लीय पदार्थ को भी साफ किया जा सकता है. किसान चाहें तो अपने नजदीकी इफको बाजार केंद्र से इसे खरीद सकते हैं.

ऐसे करें यूरिया फॉस्फेट का इस्तेमाल

यूरिया फॉस्फेट के इस्तेमाल से पहले किसानों को सलाह दी जाती है कि उर्वरक का इस्तेमाल फसल चक्र और समय को देखते हुए करना चाहिए. साथ ही इसे फसल लगाने के शुरुआती चरणों के दौरान इस्तेमाल करना चाहिए. किसान इसका इस्तेमाल ड्रिप सिंचाई विधि, पत्तेदार स्प्रे विधि और जड़ उपचार के माध्यम से किया जा सकता है. जड़ उपचार के लिए इस उर्वरक के 10 ग्राम को प्रति लीटर पानी में मिलाकर इस्तेमाल करें. ड्रिप सिंचाई के माध्यम से इसका इस्तेमाल करने के लिए प्रति लीटर पानी में 1.5 से 2.5 ग्राम उर्वरक को मिलाएं. वहीं पत्तेदार स्प्रे विधि से प्रति लीटर पानी में 0.5 से 1.0 फीसगी उर्वरक को मिलाकर फसल पर इसका छिड़काव करें.