धरती को हराभरा बनाने के लिए 11 लाख पौधे लगा रहे अमर, इंग्लैंड से पढ़कर लौटे और नाम पड़ा ट्रीमैन

फुलेरा गांव के अमर भहडा पर्यावरण प्रेमी हैं. पेड़ों की कटाई रोकने से लेकर पर्यावरण को संतुलित करने तक का संकल्प करने वाले अमर अबतक 2 लाख से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं.

नोएडा | Updated On: 5 Jun, 2025 | 10:51 AM

कहते हैं इंसान चाहे दुनिया के किसी भी कोने में चला जाए , उसके देश की मिट्टी की खुशबू उसे वापस घर ले ही आती है. ऐसा ही कुछ हुआ राजस्थान की राजधानी जयपुर के फुलेरा गांव में, जहां अमर भहडा नाम के युवा ने देश के पर्यावरण को हर-भरा बनाने के लिए अपनी जी जान लगा दी. खास बात ये है कि आज अमर को लोग ट्री मैन के नाम से जानते  हैं.

बता दें कि अमर ने इंग्लैंड से पढ़ाई की है. अपने राज्य को हरा-भरा बनाने का संकल्प लेकर अमर वापस भारत आए और आज पर्यावरण को बचाने की दिशा में काम भी कर रहे हैं.

11 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य

बता दें कि आज के समय में शहरीकरण के लिए लगातार पेड़ों की कटाई हो रही है. जिसके कारण पर्यावरण में असंतुलन की स्थिति पैदा हो गई है. फुलेरा गांव के अमर भहडा पर्यावरण प्रेमी हैं. पेड़ों की कटाई रोकने से लेकर पर्यावरण को संतुलित करने तक का संकल्प करने वाले अमर अबतक 2 लाख से ज्यादा पेड़ लगा चुके हैं. जबकि उन्होंने 11 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य बनाया है. अमर की ये पहल पर्यावरण संरक्षण की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है.

पर्यावरण संरक्षण ने बनाया ट्रीमैन

समाचार एजेंसी प्रसार भारती के अनुसार फुलेरा के युवा पर्यावरण संरक्षक अमर भहडा को आस-पास के इलाकों में लोग ट्रीमैन के नाम से जानते हैं. अमर पर्यावरण को बचाने और पेड़- पौधों की लगातार हो रही अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए गांव-गांव जाकर लोगों के घरों तक मुफ्त पौधे पहुंचा रहे हैं. साथ ही अपनी टीम के साथ सार्वजनिक जगहों पर वृक्षारोपण के कार्यक्रम भी करते हैं.

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पर्यावरण संरक्षण रैली निकाल कर अमर लोगों को पर्यावरण को बचाने को लेकर जागरुक करते हैं. पर्यावरण बचाने की अमर की इस पहल और कोशिश की लोग सराहना करते हैं और आसपास के लोग उनके काम के लिए उन्हें सम्मानित भी करते हैं.

Phulera, Rajasthan

Amar distributing plants

 

पेड़-पौधों की होती है पूजा-आरती

ट्रीमैन अमर जब भी पौधारोपण के किसी कार्यक्रम को आयोजन करते हैं तो उस दौरान पेड़ों की पूजा और आरती की जाती है. इसेक साथ ही वे लोगों को पेड़ों के बचाव की शपथ भी दिलाते हैं. अमर बताते हैं कि इंसान और पर्यावरण में गहरा रिश्ता है. उन्होंने बताया कि बदलते पर्यावरण और जनजीवन के चलते एक असंतुलन की स्थित हो गई है. जिसके कारण जनजीवन तो प्रभावित हो ही रहा है बल्कि प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप भी बढ़ रहा है.

Published: 5 Jun, 2025 | 10:04 AM