खाद-बीज और खेती पर कृषि मंत्री का भाषण, दूसरी ओर डीएपी की लाइन में लगे किसानों को ले गई पुलिस

खरीफ सीजन पीक पर है और तेजी से फसलों की बुवाई की जा रही है या जो बोई जा चुकी फसलें हैं उनमें खाद का छिड़काव किया जा रहा है. किसानों को खाद नहीं मिलने के मामले सामने आ रहे हैं.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 17 Jul, 2025 | 01:19 PM

उत्तर प्रदेश में खाद को लेकर अकसर ऐसे वीडियो और मामले सामने आ रहे हैं जो खाद की उपलब्धता और अव्यवस्था की पोल खोल दे रहे हैं. ताजा मामला लखीमपुर खीरी जिले का है, जहां जिला मुख्यालय पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही खाद की भरपूर उपलब्धता, उन्नत खेती और बीज आदि पर किसानों से बातचीत कर रहे थे, तो दूसरी तरफ 50 किलोमीटर दूर खाद लेने पहुंचे किसान कई घंटे की लाइन में लगे रहने और अव्यवस्था के चलते आपस में भिड़ गए. हालात ये बने कि दर्जनभर पुलिस कर्मियों को मौके से किसानों को हटाकर ले जाना पड़ा. इससे पहले भी जिले में खाद को लेकर मारामारी हुई थी तो पुलिस बुलानी पड़ गई थी.

खरीफ सीजन पीक पर है और तेजी से फसलों की बुवाई की जा रही है या जो बोई जा चुकी फसलें हैं उनमें खाद का छिड़काव किया जा रहा है. ऐसे में किसानों को डीएपी और यूरिया खाद की सबसे ज्यादा जरूरत है. इसलिए खाद की दुकानों के बाहर किसानों की लंबी लाइनें देखी जा रही हैं. हालांकि, सरकार का दावा है कि राज्य में भरपूर खाद की उपलब्धता है. बल्कि, पिछले साल की खपत की तुलना में इस बार ज्यादा भंडारण किए जाने की बात कही गई है.

कृषि मंत्री बता रहे थे खाद की किल्लत नहीं है, दूसरी ओर भिड़े किसान

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही बीते दिन जिला मुख्यालय पहुंचे और यहां के कृषि विज्ञान केंद्र मझरा का दौरा किया. उन्होंने किसानों से खाद की पर्याप्त उपलब्धता होने और अच्छे उत्पादन के लिए बेस्ट किस्म के बीजों की बुवाई करने की सलाह दी. उन्होंने बताया कि जिले में खाद की क़िल्लत नहीं है. मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर मैंगलगंज में खाद पाने की होड़ में किसान एक-दूसरे से भिड़ गये. बाद में पुलिस को बुलाना पड़ा और पुलिस किसानों को पकड़कर ले गई. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

2 जुलाई को भी खाद केंद्र पर हुआ था बवाल

लखीमपुर खीरी जिले की सदर तहसील महेवागंज में बीते 2 जुलाई को खाद विक्रेता के यहां यूरिया खरीदने के लिए हजारों किसानों की भीड़ पहुंच गई. लाइन में लगे किसानों और विक्रेता के बीच कहासुनी हुई तो पुलिस बुलानी पड़ गई. बाद में पुलिस की देखरेख में खाद की बिक्री की गई है. किसानों ने कहा कि खाद की जरूरत अभी है, लेकिन मांग के अनुरूप विक्रेता खाद की बोरियां नहीं दे रहे हैं.

सरकार का दावा पिछले साल से ज्यादा का खाद स्टॉक

राज्य सरकार की ओर से करीब 2 सप्ताह पहले जारी किए आंकड़ों के अनुसार खाद बिक्री केन्द्रों पर 14.59 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है. इसके अलावा 5.63 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक (डीएपी, एनपीके) खाद मौजूद है. लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर और बरेली मण्डलों में यूरिया की भरपूर उपलब्धता है. कृषि मंत्री के बयान के अनुसार पिछले वर्ष खरीफ में 32.84 लाख मीट्रिक टन यूरिया की खपत हुई थी, इस बार उससे अधिक स्टॉक मौजूद है.

किसान इस नंबर पर करें शिकायत

किसानों को किसी अन्य उत्पाद की टैगिंग कर जबरन उर्वरक बेचने की शिकायत मिलती है तो संबंधित दोषियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई की जाएगी. शिकायत दर्ज करने और कार्रवाई के लिए मुख्यालय स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जिनके हेल्पालाइन नंबर 0522-2209650 हैं. इसके साथ ही जनपदों में जिलाधिकारी कार्यालयों में भी किसान शिकायत दर्ज करा सकते हैं. (इनपुट- मोहित शुक्ला)

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Published: 17 Jul, 2025 | 12:46 PM

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