बड़ी इलायची (Large Cardamom), जिसे भारत के पूर्वी हिमालयी क्षेत्रों में प्रमुखता से उगाया जाता है, अपनी सुगंध और स्वाद के लिए दुनियाभर में मशहूर है. लेकिन इसकी खेती आसान नहीं होती. एक बड़ी चुनौती है तना छेदक कीट (Stem Borer), जो पौधों के तनों में सुराख कर फसल को भारी नुकसान पहुंचाता है. अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो पूरी फसल तबाह हो सकती है. तो चलिए जानते हैं इस खतरनाक कीट से बचाव के आसान और असरदार उपाय.
तना छेदक क्या होता है?
तना छेदक एक तरह का पतंगा होता है जिसकी सूंड (larvae) इलायची के तनों में सुरंग बनाकर अंदर तक घुस जाती है. इससे पौधे को पानी और पोषक तत्व नहीं मिलते, और वो सूखने लगता है. कीट के प्रौढ़ (adult moth) पत्तियों या तनों पर अंडे देते हैं, जो बाद में लार्वा बनकर पौधे को नुकसान पहुंचाते हैं.
इन उपायों से करें नियंत्रण
1. साफ-सुथरी खेती
खेत में समय-समय पर खरपतवार निकालें, फसल के बचे हुए हिस्से हटा दें और फसल चक्र अपनाएं. इससे तना छेदक को छिपने और अंडे देने की जगह नहीं मिलेगी.
2. नियमित निगरानी
खेत की लगातार निगरानी करें. अगर पौधों के तनों में छोटे छेद दिखें, रेशा जैसा चूरा निकले या पौधे मुरझाएं, तो सतर्क हो जाएं. शुरुआती पहचान से समय पर इलाज किया जा सकता है.
3. प्राकृतिक दुश्मनों का सहारा
प्राकृतिक शत्रु कीटों को खेत में बढ़ावा दें, जैसे कि अंडा परजीवी और लार्वा परजीवी. ये कीट तना छेदक को खत्म करने में मदद करते हैं. इन्हें जैविक एजेंसी से खरीदा भी जा सकता है.
4. संक्रमित तनों को काटें
जिन पौधों में तना छेदक का असर दिखे, उनके प्रभावित हिस्सों को तुरंत काटकर नष्ट कर दें. इन टुकड़ों को खेत से बाहर जलाएं या गाड़ दें ताकि कीट दोबारा न पनप सके.
5. जरूरत पड़े तो कीटनाशक
अगर जैविक और यांत्रिक उपाय कारगर न हों, तो कृषि विशेषज्ञ की सलाह से कीटनाशक का इस्तेमाल करें. हमेशा सही मात्रा में और तय समय पर दवा का छिड़काव करें. अंधाधुंध कीटनाशक नुकसानदेह हो सकते हैं.
6. इन बातों का भी रकें ध्यान
- पौधों के बीच उचित दूरी रखें
- समय-समय पर खाद और पानी दें
- मिट्टी की सेहत बनाए रखें
- ये आदतें पौधों को मजबूत बनाती हैं, जिससे वे कीटों का मुकाबला कर पाते हैं.