उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में अब खेतों की रखवाली किसान नहीं, उनका खुद का बनाया एक स्मार्ट यंत्र कर रहा है. जैसे ही रात होती है, यह यंत्र खुद-ब-खुद जाग जाता है. लाइट जलती है, सायरन बजता है और खेत की रखवाली शुरू हो जाती है. न बिजली का झंझट, न जागने की जरूरत पड़ती है. यह तकनीक न सिर्फ जंगली जानवरों को दूर रखती है, बल्कि कीटों को भी मार गिराती है और यह काम किया है बीसलपुर तहसील के डॉ. हरमीत सिंह ने, जिन्होंने खेती और विज्ञान का अनोखा मेल दिखाया है.
स्मार्ट यंत्र जो खुद से करता है काम
इस यंत्र का नाम है स्मार्ट रडार लाइट सिस्टम. इसमें लाइट ट्रैप तकनीक लगी है, जो रात होते ही खुद चालू हो जाती है और सुबह उजाला होते ही अपने आप बंद हो जाती है. यह पूरी तरह सोलर पैनल से चलता है, जो दिन में सूरज से ऊर्जा लेकर खुद को चार्ज करता है।.यानी यह एक ऑटोमैटिक यंत्र है, जिसे चलाने के लिए न बिजली चाहिए और न ही किसी इंसान की मदद.
कीटों के लिए जानलेवा ट्रैप
इस मशीन के नीचे एक पानी से भरा हुआ ट्रे रखा जाता है. जैसे ही लाइट जलती है, कीट आकर्षित होकर उस रोशनी की ओर उड़ते हैं और फिर नीचे रखे पानी में गिरकर मर जाते हैं. एक रात में हजारों कीट इस यंत्र की वजह से खत्म हो जाते हैं, जिससे फसलें सुरक्षित रहती हैं.
जानवरों के लिए डरावनी आवाजें और तेज रोशनी
इस यंत्र की खासियत सिर्फ कीट मारना ही नहीं है, बल्कि यह जंगली जानवरों से भी फसल की रक्षा करता है. मशीन में लगे सायरन अलग-अलग तीव्रता और ध्वनि में बजते हैं, जिससे जानवर डरकर खेत के पास नहीं आते. साथ ही इसमें घूमने वाली लाइटें लगी हैं, जो चारों तरफ रोशनी फैलाती हैं और दूर से ही खतरे का संकेत देती हैं.
किसानों के लिए बड़ा सहारा
इस यंत्र का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान को रात में खेत में जाकर रखवाली करने की जरूरत नहीं होती. इससे न सिर्फ उनकी नींद पूरी होती है, बल्कि जानवरों और कीटों से फसल बचाने का तनाव भी कम हो जाता है. चूंकि यह यंत्र सोलर से चलता है, इसलिए बिजली की समस्या वाले इलाकों में भी यह पूरी तरह उपयोगी है.
डॉ. हरमीत सिंह जैसे किसानों की यह सोच और तकनीकी नवाचार देश के बाकी किसानों को भी प्रेरित कर सकते हैं. अगर यह मॉडल और इलाकों में पहुंचाया जाए तो रात में फसलों की सुरक्षा एक बड़ी चिंता नहीं रहेगी.