ढैंचा की खेती से बढ़ेगी आमदनी, हरियाणा सरकार दे रही है प्रति एकड़ ₹1000 की मदद

यह योजना प्रदेश के सभी 22 जिलों में लागू की जा रही है. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस साल करीब 4 लाख एकड़ जमीन पर फसल विविधिकरण हो, जिसमें ढैंचा की खेती को प्रमुखता दी जाएगी.

नई दिल्ली | Updated On: 12 May, 2025 | 11:51 AM

हरियाणा के किसानों के लिए एक बेहतरीन मौका सामने आया है. अब ढैंचा की खेती करने पर सरकार सीधे प्रति एकड़ ₹1000 की आर्थिक सहायता देगी. ढैंचा न केवल खेतों की मिट्टी को ताकतवर बनाता है, बल्कि रासायनिक खाद पर खर्च भी कम कर देता है. इससे किसान की जेब पर बोझ भी हल्का होगा और फसल की गुणवत्ता भी बेहतर बनेगी.

क्या है ढैंचा और क्यों है यह खेती फायदेमंद?

ढैंचा एक हरी खाद वाली फसल है, जिसे फसल चक्र में शामिल कर जमीन की उर्वरता बढ़ाई जाती है. इसे फसल कटाई से पहले खेत में ही जोत दिया जाता है, जिससे यह प्राकृतिक जैविक खाद में बदल जाती है. इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है, नमी बनी रहती है और अगली फसल को बेहतर पोषण मिलता है.

इसके उपयोग से:

  • मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बढ़ती है
  • नमी बनी रहती है
  • रासायनिक खाद की जरूरत कम होती है
  • खेती की लागत घटती है
  • पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है

सरकार कैसे कर रही है मदद?

हरियाणा सरकार ने ‘हरी खाद को बढ़ावा’ नाम की इस नई योजना के तहत ढैंचा उगाने वाले किसानों को प्रति एकड़ ₹1000 की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है. यह राशि DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी.

किन्हें मिलेगा लाभ?

  • सभी किसान जो अपनी जमीन पर ढैंचा की खेती करेंगे
  • किसानों को “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर अपनी फसल की फोटो अपलोड करनी होगी
  • बिना फोटो अपलोड किए योजना का लाभ नहीं मिलेगा

प्रदेशभर में लागू होगी योजना

यह योजना प्रदेश के सभी 22 जिलों में लागू की जा रही है. राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस साल करीब 4 लाख एकड़ जमीन पर फसल विविधिकरण हो, जिसमें ढैंचा की खेती को प्रमुखता दी जाएगी. इससे 3 लाख से ज्यादा किसानों को सीधा फायदा मिलने की उम्मीद है.

कृषि मंत्री की अपील

हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने किसानों से आग्रह किया है कि वे ढैंचा की खेती को अपनाएं और इसका पूरा लाभ उठाएं. उन्होंने कहा कि यह न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि मिट्टी की सेहत सुधारने और खाद पर होने वाले खर्च को घटाने में भी बड़ी भूमिका निभाएगा.

Published: 12 May, 2025 | 07:52 AM