अब समोसे-जलेबी पर भी लगेगी सिगरेट जैसी चेतावनी, जानिए सरकार ने यह फैसला क्यों लिया

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम समय की मांग है. जिस तरह सिगरेट और तंबाकू के लिए चेतावनियां जरूरी हैं, उसी तरह तेल-घी और चीनी से भरे स्नैक्स को लेकर भी लोगों को जागरूक करना जरूरी है.

नई दिल्ली | Updated On: 15 Jul, 2025 | 12:34 PM

समोसे और जलेबी जैसे स्वादिष्ट नाश्ते भारत के हर कोने में लोगों की पहली पसंद रहे हैं. चाहे शाम की चाय हो या किसी त्योहार की मिठास, बिना इनके स्वाद अधूरा लगता है. लेकिन अब इन चटपटे और मीठे स्नैक्स को लेकर सरकार ने एक सख्त और चौंकाने वाला कदम उठाया है. जिस तरह सिगरेट और तंबाकू उत्पादों पर चेतावनी लिखी जाती है, उसी तरह अब समोसे और जलेबी पर भी ‘हेल्थ अलर्ट’ लगेगा. जी हां, सरकार ने अब समोसा और जलेबी को ‘हेल्थ अलर्ट लिस्ट’ में शामिल कर लिया है. इसका मकसद है तेजी से बढ़ते मोटापे पर लगाम लगाना.

अब समोसे-जलेबी के साथ भी आएगी चेतावनी

इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आदेश जारी किया है कि अब देश की सभी सरकारी कैंटीनों और भोजनालयों में यदि समोसे, जलेबी या ऐसे अन्य तैलीय-मीठे स्नैक्स परोसे जाते हैं, तो वहां पर चीनी और तेल की मात्रा दर्शाते चेतावनी बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा.

चेतावनी कैसी होगी?

  • रंग-बिरंगे पोस्टर लगाए जाएंगे
  • पोस्टर पर लिखा होगा “इस नाश्ते में छिपी है इतनी चीनी और इतना तेल”
  • बोर्ड ठीक वैसे ही होंगे जैसे “सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है” वाले होते हैं

देश में पैर पसार रहा मोटापा

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा आज एक ‘साइलेंट एपिडेमिक’ बन चुका है. अनुमान है कि 2050 तक भारत में 44.9 करोड़ लोग मोटापे से ग्रसित हो सकते हैं. इसकी वजह से डायबिटीज, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे गंभीर रोग बढ़ते जा रहे हैं.

क्या सरकार की यह पहल सही है?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम समय की मांग है. जिस तरह सिगरेट और तंबाकू के लिए चेतावनियां जरूरी हैं, उसी तरह तेल-घी और चीनी से भरे स्नैक्स को लेकर भी लोगों को जागरूक करना जरूरी है. सरकार का यह कदम लोगों को सोचने पर मजबूर करेगा कि वे क्या खा रहे हैं और कितना खा रहे हैं.

बदलाव कहां लागू होगा?

यह नियम फिलहाल सभी केंद्र सरकार से जुड़े संस्थानों की कैंटीनों में लागू किया जाएगा, जैसे कि रेलवे की कैंटीनें, सरकारी दफ्तरों की मेस, विश्वविद्यालयों और मंत्रालयों की भोजनशालाएं. भविष्य में राज्य सरकारें भी इस मॉडल को अपनाने पर विचार कर सकती हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सके.

क्या बंद हो जाएंगे समोसे और जलेबी?

नहीं, ऐसा नहीं है. सरकार का मकसद इन्हें बंद करना नहीं, बल्कि लोगों को यह बताना है कि ये चीजें मॉडरेशन में ही ठीक हैं. जैसे हर दवा का ओवरडोज नुकसान करता है, वैसे ही तैलीय और मीठे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन भी नुकसानदेह है.

Published: 15 Jul, 2025 | 12:20 PM