अगर मछली किनारे पर अकेली दिखे तो हो जाएं सावधान! बीमारी के ये 6 लक्षण कभी न करें नजरअंदाज

अगर मछली तालाब के किनारे अकेली दिखे या अजीब तरह से तैरती हो तो ये बीमारी का संकेत हो सकता है. समय पर पहचान और इलाज से मछलियों की जान बचाई जा सकती है.

नोएडा | Updated On: 30 Jun, 2025 | 06:49 PM

अगर आपके तालाब में कोई मछली अकेले किनारे पर तैरती नजर आए तो इसे मामूली बात न समझें. क्योंकि यह मछली की किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. ऐसे में समय रहते इलाज न किया जाए तो पूरी मछली पालन प्रणाली को नुकसान हो सकता है. इसलिए, मछली की हरकतों और शरीर में होने वाले बदलावों को पहचानना बेहद जरूरी है.

1. अकेले तैरना और समूह से अलग रहना

केंद्र सरकार के मत्स्य पालन विभाग के अनुसार, ध्यान रखें कि स्वस्थ मछलियां हमेशा झुंड में तैरती हैं. इसके बजाय बीमार मछली अक्सर किनारे पर अकेली रहना पंसद करती हैं. जब वह बहुत कमजोर और निष्क्रिय हो जाती है तो कई बार पानी के सतह पर बिना हिले-डुले तैरती नजर आती है. ऐसी स्थिति में मछली को तुरंत अलग करके उसका निरीक्षण करें.

2. बेचैनी और अनियंत्रित तैरना

बीमार मछलियां सामान्य रूप से नहीं तैरतीं. वे अचानक गोल-गोल घूमने लगती हैं, पानी में उछलती हैं या बार-बार छलांग लगाती हैं. कभी-कभी वे अपने शरीर को तालाब की दीवारों, बांस के डंडों या अन्य सतहों से रगड़ती हैं, जो त्वचा की खुजली या परजीवी संक्रमण का संकेत है.

3. सांस लेने में परेशानी और मुंह खोलना

अगर मछली बार-बार मुंह खोलकर पानी की सतह से हवा लेने की कोशिश कर रही है तो यह गिल्स (गलफड़ों) में दिक्कत का लक्षण हो सकता है. कई बार गिल्स की लाली फीकी पड़ जाती है या उन पर सफेद धब्बे बन जाते हैं. ऐसे लक्षणों को अनदेखा करना भारी नुकसान दे सकता है.

4. भोजन न करना और सुस्ती

बीमार मछलियां खाना बंद कर देती हैं और पूरी तरह सुस्त हो जाती हैं. इसके अलावा, वे सतह पर सीधी टंगी रहती हैं या उल्टी अवस्था में तैरती हैं. यह गंभीर संक्रमण या अंदरूनी बीमारी का लक्षण हो सकता है. ऐसी अवस्था में तुरंत जांच और इलाज जरूरी होता है.

5- शरीर की चमक खोना और त्वचा में बदलाव

जब मछली बीमार होती है तो उसके शरीर की रंगत फीकी हो जाती है, चमक खत्म हो जाती है. इसके अलावा, शरीर चिपचिपा हो जाता है और उसमें से गाढ़ा पदार्थ निकलने लगता है. कई बार त्वचा फट जाती है, जिससे खून निकलने लगता है. यही नहीं कुछ मामलों में आंखें और शरीर फूलने लगते हैं.

6. परजीवी का संक्रमण और गिल्स की खराबी

बीमार मछलियों के शरीर में अक्सर परजीवी पनपने लगते हैं. जो कि छोटे-छोटे कीड़े त्वचा, गलफड़े और आंखों पर असर डालते हैं. इतना ही नहीं, इसका असर मछली की तैरने की क्षमता, सांस लेने की प्रक्रिया और संपूर्ण स्वास्थ्य पर पड़ता है. इसलिए समय पर इलाज न करने से मछली मर भी सकती है।

Published: 30 Jun, 2025 | 07:40 PM