जब हम जेल का नाम सुनते हैं, तो आमतौर पर एक कठोर और नीरस जीवन की कल्पना करते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित नैनी सेंट्रल जेल ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है. यहां कैदी अब सिर्फ सजा नहीं काट रहे, बल्कि खेती के जरिए एक नई जिंदगी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं.
कैदियों की मेहनत से लहलहाया सब्जी बाग
नैनी जेल अब एक हरी-भरी सब्जी की बगीचा बन चुका है. यहां कैदी आलू, पालक, कद्दू, चौरी जैसी सब्जियों की खेती कर रहे हैं. इस साल तो कैदियों ने 1300 क्विंटल आलू उगाकर रिकॉर्ड बना दिया है, जो पिछले साल के 1100 क्विंटल से काफी ज्यादा है.
अन्य जेलों तक भी पहुंची उपज
यहां उगाई गई सब्जियां न केवल नैनी जेल की जरूरतें पूरी कर रही हैं, बल्कि प्रयागराज, महोबा, कौशांबी, फतेहपुर और बांदा की जेलों में भी भेजी जा रही हैं. इससे दूसरे जेलों की जरूरतें भी पूरी हो रही हैं और खर्च में भी भारी बचत हो रही है.
मेहनत का मिल रहा है इनाम
खेती में जुटे कैदियों को मेहनताना भी दिया जा रहा है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है. यह आर्थिक मदद न सिर्फ उनके वर्तमान के लिए सहायक है, बल्कि जेल से बाहर जाकर एक सम्मानजनक जीवन शुरू करने में भी मदद करेगी.
जैविक खेती की ओर बढ़ते कदम
जेल प्रशासन अब जैविक खेती को भी बढ़ावा दे रहा है. खाद, बीज और सिंचाई की पूरी व्यवस्था के साथ-साथ कैदियों के स्वास्थ्य की भी लगातार जांच की जाती है. कैदियों को खेती के आधुनिक तरीकों की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि उन्हें नई तकनीकों की जानकारी हो और भविष्य में वे इस हुनर को अपनाकर रोजगार कमा सकें.