आज के समय में किसान खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए केवल खेती पर ही निर्भर नहीं रहते हैं बल्कि खेती के साथ-साथ वे पशपुालन, मुर्गी पालन और मत्स्य यानी मछली पालन आदि भी करते हैं. जिनकी मदद से उन्हें अच्छी कमाई होती है. ऐसा ही कुछ किया झारखंड के रांची में रहने वाले निशांत ने जो कि मत्स्य पालन यानी मछली पालन से अच्छी कमाई कर रहे हैं. दरअसल, रांची के रहने वाले युवा किसान निशांत ने नौकरी की तलाश छोड़कर कारोबार जमाने की ओर बढ़े और मत्स्य पालन की शुरुआत की. इससे आज वे अच्छी कमाई कर रहे हैं. निशांत ने प्रधानमंंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाकर मछली पालन की शुरुआत की जिसके तहत आज वे हर साल करीब 200 टन मछली का उत्पादन कर रहे हैं.
40 फीसदी सरकार से मिली सब्सिडी
केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसान निशांत को 40 फीसदी सरकारी सब्सिडी मुहैया कराई गई. जिसके तहत उन्होंने 50 बॉयोफ्लॉक्स, 8 आरएएस और एक तालाब का निर्माण कराया. जिसमें मत्स्य पालन करके वे हर साल औसतन करीब 200 टन मछली का उत्पादन करते हैं. आज के समय में निशांत इस योजना का लाभ उठाकर मत्स्य पालन कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं.

मछली पालन करने वाले युवा किसान निशांत
मछली पालन से हो रही अच्छी कमाई
समाचार एजेंसी प्रसार भारती के अनुसार झारखंड मत्स्य पालन प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक एचएन द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना मछली पालन करने वाले किसानों को आर्थिक तौर से मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने बताया कि इस योजना के अलावा भी मछली पालकों के लिए केंद्र सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है. निदेशक एच.एन.द्विवेदी का कहना है कि झारखंड में मछली पालन की असीम संभावनाएं हैं और इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना मछली पालकों को आर्थिक तौर प सशक्त भी कर रही है.

मत्स्य पालन प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक एच.एन.द्विवेदी
2020 में लागू हुई थी योजना
देश में मत्स्य पालन क्षेत्र का विकास करने और मछली पालकों की स्थित को बेहतर बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा 10 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की गई थी. यह योजना उन किसानों के लिए वरदान की तरह है जो मछली पालन में अपनी भविश्य तलाश रहे हैं या जिनका रूझान मछली पालन की तरफ हो रहा है.