उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू के संभावित खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिड़ियाघरों, पक्षी विहारों और वेटलैंड क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. सरकार ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट रहने और सुरक्षा उपाय कड़े करने को कहा है, ताकि वायरस का प्रसार रोका जा सके और पक्षियों के साथ-साथ आम लोगों की सेहत भी सुरक्षित रहे.
प्राणी उद्यानों और नेशनल पार्कों में सख्त निगरानी के निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि प्राणी उद्यान, पक्षी विहार, नेशनल पार्क और वेटलैंड जैसे क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए. इन क्षेत्रों में पक्षियों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखी जाए और किसी भी बीमार या मृत पक्षी की तुरंत जांच हो. साथ ही, इन क्षेत्रों में आम जनता की आवाजाही पर भी नजर रखी जाए और जरूरत पड़ने पर कुछ हिस्सों को अस्थाई रूप से बंद किया जा सकता है. अधिकारी इन क्षेत्रों में गश्त बढ़ाएं और पूरी सतर्कता बरतें.
पशु-पक्षियों के आहार और सेहत की जांच अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने कहा है कि संरक्षित पशु और पक्षियों के आहार और सेहत की गहन निगरानी की जाए. सभी प्राणी उद्यानों में डॉक्टरों की टीम सक्रिय हो और रोजाना हेल्थ चेकअप किया जाए. अगर किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण दिखाई दें- जैसे सुस्ती, सांस लेने में तकलीफ या अचानक मृत्यु- तो उसकी तुरंत सैंपलिंग और जांच कराई जाए. इसके अलावा पशुओं को दिया जा रहा खाना और पानी भी साफ-सुथरा और संक्रमणमुक्त होना चाहिए.
कर्मचारियों को पीपीई किट और प्रशिक्षण देना होगा जरूरी
संक्रमण का खतरा सिर्फ जानवरों और पक्षियों तक सीमित नहीं है, यह इंसानों में भी फैल सकता है, इसलिए मुख्यमंत्री योगी ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि प्राणी उद्यानों, चिड़ियाघरों और पोल्ट्री फार्मों में काम करने वाले कर्मचारियों को पीपीई किट (Personal Protective Equipment) दी जाएं. साथ ही उन्हें संक्रमण से बचाव और निगरानी से जुड़ा विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाए, ताकि वे किसी भी स्थिति में सही कदम उठा सकें. सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित कराया जाए.
पोल्ट्री फार्म और मानव स्वास्थ्य की भी रखी जाएगी विशेष निगरानी
बर्ड फ्लू अक्सर पोल्ट्री फार्मों से फैलता है, इसलिए वहां विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पोल्ट्री फार्मों की सफाई, चूने का छिड़काव और पक्षियों की नियमित जांच की जाए. इसके अलावा, मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव की भी गहन समीक्षा की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया गया है और किसी भी संदिग्ध लक्षण वाले व्यक्ति की तुरंत जांच के आदेश दिए गए हैं. राष्ट्रीय संस्थानों से सतत संपर्क बनाए रखने और उनके सुझावों को त्वरित रूप से लागू करने पर भी बल दिया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटने में देरी न हो.