बरसात में पशुओं को थनैला रोग और संक्रमण से बचाना जरूरी, पशुपालकों के लिए गाइडलाइन जारी

बरसात में पशुओं की देखभाल के लिए जारी गाइडलाइन में किसानों को छत मरम्मत करने, सफाई, कीटनाशक छिड़काव और टीकाकरण कराने की सलाह दी गई है.

नोएडा | Updated On: 11 Aug, 2025 | 09:35 PM

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने बरसात के मौसम में पशुओं की देखभाल को लेकर किसानों और पशुपालकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव जारी किए हैं. विभाग का उद्देश्य बरसात के समय पशुओं को बीमारियों और अन्य जोखिमों से बचाना है ताकि उनकी सेहत अच्छी बनी रहे और पशुपालन व्यवसाय में नुकसान न हो. इस दौरान पशुपालकों को विशेष सावधानियां बरतनी जरूरी हैं, जिससे पशुओं की रक्षा हो सके और उनका स्वास्थ्य बेहतर बना रहे.

बरसात से पहले करें ये तैयारी

बरसात शुरू होने से पहले पशुशाला की छत की मरम्मत कराना जरूरी है ताकि पानी अंदर न टपके. खिड़कियां खुली रखनी चाहिए ताकि अंदर हवा और गर्मी ठीक से संचालित हो सके और पशुओं को उमस से राहत मिले. साथ ही, पशुशाला की साफ-सफाई का खास ध्यान रखना जरूरी है. मल-मूत्र और मलबे को नियमित साफ करना बीमारियों को रोकने में मददगार होता है. पशुओं को ताजा और साफ पानी देना भी बहुत जरूरी है.

बरसात के दौरान बचाव के उपाय

बरसात के मौसम में पशुओं को नियमित अंतराल पर कीटनाशक से छिड़काव करना चाहिए ताकि कीड़ों-मक्खियों से होने वाली बीमारियों से बचाव हो सके. पशुओं को बाल्टी से साफ पानी पिलाएं और टीकाकरण जरूर करवाएं ताकि संक्रामक रोगों से सुरक्षा हो. मृत पशुओं को नदियों, तालाबों से दूर ही निस्तारित करें ताकि संक्रमण न फैले.

बरसात में लापरवाही पड़ेगी भारी

बरसात के मौसम में पशुओं की सुरक्षा के लिए विशेष सावधानी जरूरी है. इस दौरान पशुधन को जरूरत से ज्यादा एक जगह इकट्ठा नहीं करना चाहिए, ताकि संक्रमण का खतरा न बढ़े. बारिश में पशुओं को बाहर नहीं निकालना चाहिए, जिससे वे फिसलने या बीमार होने से बचें. आसपास पानी एकत्रित न होने दें ताकि मच्छर और अन्य कीट न पनपें. पशुओं को कभी भी बिजली के खंभों या विद्युत उपकरणों के पास नहीं बांधना चाहिए, क्योंकि यह जानलेवा हो सकता है.

सरकार का प्रयास और किसानों के लिए लाभ

बिहार सरकार द्वारा बरसाती मौसम में पशुओं की देखभाल को लेकर जारी किए गए दिशा-निर्देश किसानों के लिए बेहद मददगार साबित होंगे. इन सुझावों का पालन करने से पशुओं की सेहत बेहतर बनी रहेगी और बीमारियों का खतरा भी कम होगा. इससे न केवल पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनेगा. विभाग की यह पहल किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ पशुओं के कल्याण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. ऐसे प्रयास पशुपालन क्षेत्र को मजबूत बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं.

Published: 11 Aug, 2025 | 09:10 PM