Poultry Farming: देसी मुर्गी बन गई किसानों की कमाई का हथियार, जानिए पूरा प्लान

कम पूंजी में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं? देसी मुर्गी पालन बन सकता है आपके लिए फायदेमंद बिजनेस. जानिए किस नस्ल से कितनी कमाई और कैसे मिलेगी सरकार से सब्सिडी.

धीरज पांडेय
नोएडा | Published: 24 Apr, 2025 | 08:30 AM

ग्रामीण भारत में अब सिर्फ खेती ही आमदनी का साधन नहीं रही. आज गांवों के किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ पशुपालन और पोल्ट्री बिजनेस की ओर भी तेजी से बढ़ रहे हैं. खासकर देसी मुर्गी पालन एक ऐसा विकल्प बनकर उभरा है, जो कम लागत में शुरू होकर अच्छी कमाई का मौका देता है. सरकार भी इस दिशा में किसानों की मदद कर रही है, जिससे यह बिजनेस आसान और लाभदायक बनता जा रहा है.

कम खर्च में शुरू करें मुर्गी पालन

देसी मुर्गी पालन की खास बात यह है कि इसे शुरू करने के लिए किसी बड़े फार्म या महंगे इंतजाम की जरूरत नहीं होती. किसान अपने घर के आंगन, बाड़े या खेत के एक कोने में भी यह काम शुरू कर सकते हैं. सिर्फ 40 से 50 हजार रुपये में 10 से 15 मुर्गियों के साथ इसकी शुरुआत की जा सकती है.

सरकार की योजना से मिल रही है सब्सिडी

केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय पशुधन मिशन’ (National Livestock Mission) जैसी योजनाओं के तहत देसी मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी देती है. साथ ही कुछ राज्य सरकारें नस्लें भी मुफ्त में देती हैं. इसके अलावा प्रशिक्षण और तकनीकी सलाह भी मुफ्त दी जाती है, जिससे नए लोग भी यह व्यवसाय आसानी से सीख सकते हैं.

ये देसी नस्लें रखें

  1. . ग्रामप्रिया – यह नस्ल एक साल में औसतन से 225 अंडे देती है और इसके मांस की बाजार में अच्छी डिमांड रहती है.
  2. . श्रीनिधि – तेजी से बढ़ने वाली नस्ल, जो अंडा और मांस दोनों के लिए फायदेमंद है.
  3. . वनराजा – देशी नस्ल की भरोसेमंद मुर्गी, जो सालाना औसतन 120 से 140 अंडे देती है.

शादी-ब्याह में ज्यादा डिमांड

देसी मुर्गियों का मांस स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है. यही वजह है कि यह ब्रॉयलर मुर्गियों से महंगे दामों पर बिकती हैं. शादी-ब्याह और खास मौकों पर इनकी मांग और भी बढ़ जाती है.

लागत से दोगुना मुनाफा

विशेषज्ञों की माने तो अगर आप शुरुआत में 15 मुर्गियों का पालन करते हैं और सही देखभाल करते हैं तो आप अपनी लागत से दोगुनी कमाई कर सकते हैं. यानी 50 हजार की लागत पर सालभर में 1 लाख रुपये या उससे अधिक कमाए जा सकते हैं. वहीं आप बड़े स्तर पर पालन करने से कमाई और भी बढ़ सकती है.

बीमारियों में ऐसे रखें ध्यान

मुर्गी पालन में रोगों से बचाव बेहद जरूरी है. साफ-सफाई, संतुलित आहार, टीकाकरण और बीमार मुर्गी को अलग रखने से संक्रमण फैलने से रोका जा सकता है. पशु चिकित्सक की सलाह लें और फार्म में डीडीटी या चूना छिड़कें. इसमें ध्यान देने की बात यह रहती है कि बीमारी के दौरान मास्क के साथ हाथ जरूर साफ रखें.

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Published: 24 Apr, 2025 | 08:30 AM

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