किसानों को महंगी खाद और दवा बेच रही चीनी मिलों के लाइसेंस निलंबित, नोटिस जारी

खुदरा व्यापारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की चीनी मिलों के कर्मचारी गांव-गांव जाकर किसानों को खेती से संबधित खाद-बीज और दवाओं को गुमराह कर औने-पौने दामों पर बेचा जा रहा है. शिकायत पर कार्रवाई हुई है.

मोहित शुक्ला
Lucknow | Updated On: 6 Apr, 2025 | 12:03 PM

उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में किसानों को गन्ने की पर्चियां बढ़ाने का लालच देकर कर महंगे दामों पर खाद और कीटनाशक बेचने के मामले में चीनी मिलों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं. खुदरा व्यापारी संघ की ओर से की गई शिकायत और धरना प्रदर्शन के बाद कृषि विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो चीनी मिलों के उर्वरक प्राधिकार पत्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. दोनों चीनी मिलों पर आरोप है कि उनके कर्मचारी किसानों के यहां जाकर उन्हें महंगे दाम पर खाद और कीटनाशक दवाओं की बिक्री करते हैं.

जिला कृषि अधिकारी मंजीत कुमार ने बताया कि जिले की चीनी मिलों को निर्धारित स्थान पर उर्वरक बिक्री केंद्र खोलने की अनुमति मिली है. लेकिन, चीनी मिलें उन जगहों पर केंद्र न खोलकर गांव-गांव में जाकर गलत तरीके से किसानों को पर्ची जारी करने के नाम पर बहला-फुसलाकर कर खाद बीज और कीटनाशक महंगे दाम पर बेचे जा रहे है. जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि इस तरह की शिकायत जिले के खुदरा व्यापारियों की ओर से लगातार मिल रही थी.

इन दो चीनी मिलों के लाइसेंस निलंबित और नोटिस जारी

जिला कृषि अधिकारी ने कहा कि शिकायतें मिलने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर सीतापुर जिले के डालमिया भारत शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड यूनिट जवाहरपुर और द सेक्सरिया शुगर मिल बिसवां के उर्वरक प्राधिकार पत्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और दोनों मिलों को नोटिस जारी किए गए हैं.

खुदरा कारोबारियों का चौपट हो रहा व्यापार

खुदरा व्यापारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष आरके कनौजिया ने कहा कि प्रदेश की चीनी मिलों के कर्मचारी गांव-गांव जाकर किसानों को खेती से संबधित खाद-बीज और दवाओं को गुमराह कर औने-पौने दामों पर बेचा जा रहा है. ऐसे में प्रदेश के खुदरा उर्वरक विक्रेताओं के आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा होने लगा है. हर दिन जिलों से शिकायतें आती हैं कि चीनी मिलों के कर्मचारी निर्धारित स्थान पर केंद्र ना खोल कर गांवों में बेच रहे हैं. इस बात की लड़ाई के लिये हम लोग आये दिन जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन भी कर चुकें हैं.

fertilizer over pricing case sitapur Kisan-India

खुदरा व्यापारी संघ की शिकायत पर हुई कार्रवाई.

बिक्री न होने से बैंक का ब्याज चुकाना मुश्किल

आईएफएफडीसी कृषक सेवा केंद्र सेवता की संचालिका श्रेया गुप्ता ने ‘किसान इंडिया’ से बात करते हुए कहा कि उन्होंने स्टेट बैंक से 15 लाख रुपये की लिमिट बनवा रखी है, जिसका सालाना 12 फीसदी ब्याज बैंक को देना पड़ता है. लेकिन, गांव में बिक रही अवैध रूप से खाद और रसायन के चलते हम लाइसेंस धारियों की बिक्री पर ग्रहण लग गया है. ऐसे में मुनाफा तो बहुत दूर की बात है बैंक का ब्याज देना भी मुश्किल हो गया है.

खाद-बीज की दुकान खोलने के लिये क्या हैं नियम

खाद-बीज की दुकान खोलने के लिए कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है. अगर आप 10वीं पास नहीं हैं तो खाद- बीज की दुकान का लाइसेंस नहीं मिलेगा . हालांकि, पहले कीटनाशक दवाओं और खाद- बीज का बिजनेस शुरू करने के लिए बीएससी एग्रीकल्चर या फिर डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर अनिवार्य था. अगर आपके पास एग्रीकल्चर में डिग्री नहीं है तो आप खाद- बीज का बिजनेस शुरू नहीं कर सकते थे. अब 10वीं पास लोग भी कीटनाशक और खाद- बीज का बिजनेस शुरू कर सकते हैं. इसके लिये उन्हें देशी का डिप्लोमा करना होगा. इसके साथ ही दुकान खोलने के लिये आपको गोदाम की चौहद्दी दस रुपये के स्टाम्प पर बना कर देनी होगी. निर्धारित स्थान से हटकर व्यापार नहीं कर सकते हैं.

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Published: 6 Apr, 2025 | 11:37 AM

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