उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जहां इंसानों के लिए संकट गहराया है, वहीं पशुपालकों के लिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. खासकर गाजीपुर, बहराइच और आसपास के क्षेत्रों में गंगा नदी में आई बाढ़ के चलते न सिर्फ चारे की किल्लत है, बल्कि पशुओं में बीमारियों का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है. इसी को देखते हुए प्रशासन ने बड़े स्तर पर फ्री पशु टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है, जिससे पशुपालकों को राहत मिल रही है और पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है.
300 क्विंटल भूसा मुफ्त बांटा गया
गाजीपुर जिले में गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के कारण कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. इससे पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी समस्या चारे की आई है. गंगा किनारे रहने वाले किसान अपने पशुओं को अब सामान्य रूप से नहीं चरा पा रहे हैं. इस संकट को देखते हुए जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने राहत कार्यों की जिम्मेदारी संभाली है. अब तक 300 क्विंटल भूसा मुफ्त में बांटा जा चुका है, और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. प्रशासन का कहना है कि कोई भी पशुपालक भूसे की कमी से परेशान न हो, इसके लिए हर गांव तक सहायता पहुंचाई जा रही है.
90,000 से ज्यादा पशुओं को लगाए गए फ्री टीके
बाढ़ का पानी जैसे-जैसे फैला है, पशुओं में बीमारियों का खतरा भी उतना ही बढ़ गया है. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार शाही ने जानकारी दी कि अब तक 90,000 से ज्यादा पशुओं को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगाए जा चुके हैं. यह टीकाकरण अभियान पूरी तरह फ्री है और इसका लाभ सभी पशुपालकों को दिया जा रहा है. इस प्रक्रिया में टीमें गांव-गांव जाकर खुद पशुओं का टीकाकरण कर रही हैं.
23 सचल टीमें गांव-गांव पहुंचाकर बांट रही हैं दवाएं
पशुओं के टीकाकरण के साथ-साथ बाढ़ के बाद फैलने वाली संक्रमण बीमारियों को रोकने के लिए 23 सचल (मोबाइल) टीमें लगातार गांव-गांव जाकर दवाएं और जरूरी पशु उपचार सामग्री पहुंचा रही हैं.
इन टीमों में पशु चिकित्सक, सहायकों और तकनीकी कर्मचारियों की तैनाती की गई है. खास ध्यान इस बात पर दिया जा रहा है कि संक्रमण फैलने से पहले ही उसका इलाज किया जाए. टीमें हर दिन सुबह से लेकर शाम तक बाढ़ प्रभावित इलाकों में सक्रिय रहती हैं.
जलशक्ति मंत्री ने बहराइच में पहुंचकर किया निरीक्षण
उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बहराइच जिले के महसी इलाके के पचदेवरी गांव पहुंचकर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया. उन्होंने पीड़ित ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी समस्याएं जानीं और अपने हाथों से राहत सामग्री भी वितरित की.
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए-
- तटबंधों की स्थिति का नियमित निरीक्षण किया जाए.
- ग्रामीणों और पशुओं में संक्रमण से बचाव के लिए दवाओं का वितरण किया जाए.
- पशुओं का टीकाकरण हर हाल में कराया जाए.
- बाढ़ से हुए नुकसान की जल्द भरपाई सुनिश्चित की जाए.
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