खेती के साथ ही पशुपालन में महिलाओं की बड़ी भूमिका है, खासकर हरियाणा में यह बात एकदम सटीक बैठती है. यहां के ज्यादातर हिस्सों में पशुओं की जिम्मेदारी महिलाओं के कंधों पर हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने डेयरी विभाग से कहा है कि महिला पशुपालकों की कमाई बढ़ाने के लिए इंसेटिव स्कीम शुरू करे. इसके साथ ही उन्होंने गांव स्तर पर मिल्क प्रोड्यूसर सोसाइटी बनाने के निर्देश दिए हैं. इससे राज्य के पशुपालकों को आर्थिक लाभ मिलने के साथ ही उनके दूध की अधिक दाम पर खरीद पक्की हो सकेगी.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सहकारिता विभाग की बजट घोषणाओं का रिव्यू करते हुए अधिकारियों को गांवों में मिल्क प्रोड्यूसर सोसाइटी बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन समतियों के गठन से गांवों में दूध उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा तो वहीं पशुपालकों को घर पर ही दूध की सही कीमत मिलनी पक्की हो सकेगी.
मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना का भुगतान समय पर हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूध उत्पादन समितियों में विधवाओं, स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं और अंत्योदय परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि उनकी रोजी रोटी के मौके बढ़ सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना यानी मिल्क प्रोड्यूसर इंसेंटिव स्कीम के तहत इंसेंटिव का समय पर पेमेंट करने पर भी जोर दिया.
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पशुपालकों की मदद के लिए नई स्कीम लाए डेयरी विभाग
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कोऑपरेशन और एनिमल हसबैंड्री और डेयरी डिपार्टमेंट को मिलकर ऐसी स्कीम बनाने का निर्देश दिया, जिससे पशुपालकों को ज्यादा से ज्यादा मदद मिल सके. इसका मकसद गरीब परिवारों के लिए इनकम के पक्के सोर्स बनाना और गांव की इकॉनमी को मजबूत करना है. इसके साथ ही पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य, अच्छी नस्ल और दूध उत्पादन को बेहतर किया जा सके.
दूध से बने उत्पादों की बिक्री के नए विकल्प तलाशें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के जरिए सरकार का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और गरीब परिवारों के लिए स्थायी आय के साधन विकसित करना है. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि वीटा बूथों पर दूध की खपत बढ़ाने के लिए दूध आधारित अन्य उत्पादों की बिक्री के नए विकल्प तलाशे जाएं जिससे उपभोक्ताओं को विविधता मिले और उत्पादकों को बेहतर दाम मिले.
सरसों और सूरजमुखी तेल मिल का काम तेज करने के निर्देश
मुख्यमंत्री को बताया गया कि बजट घोषणा के तहत इस वित्तीय वर्ष में तीन खंडों में मिल्क कलेक्शन सेंटर और दो जिलों में मिल्क चिलिंग सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं. वहीं हैफेड के जरिए सरसों की तेल मिल और सूरजमुखी तेल मिल स्थापित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ने सहकारी चीनी मिलों को लाभ में लाने के लिए भी ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए.