Manipur News: मणिपुर में दूध अब किसानों की तरक्की और उपभोक्ताओं की अच्छी सेहत का जरिया बन गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत और सहकार से समृद्ध के सपने को साकार करने के लिए देशभर के अलग-अलग राज्य सहकारी आंदोलन में अपना योदगान दे रहे हैं. इसी कड़ी में अब मणिपुर ने भी प्रदेश के डेयरी क्षेत्र को नई पहचान और दिशा देने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं.
प्रदेश के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने इंफाल के राजभवन में ‘मणिपुर डेयरी’ के नए लोगो, ब्रांड नाम और उत्पाद श्रृंखला का शुभारंभ कर दिया है. खास बात ये है कि, लोगो और ब्रांड नाम के साथ-साथ जो नए उत्पादन लॉंन्च किए गए हैं उन्हें उपभोक्ताओं की सेहत और क्वालिटी को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
दूध के नए पैकेट किए गए लॉन्च
मणिपुर सहकारी दुग्ध समिति की ओर से उपभोक्ताओं के लिए गाय और भैंस के दूध के उत्पादों (Milk Products) के नए पैकेट्स लॉन्च किए गए हैं. बता दे कि, इन नए उत्पादों को समिति ने उपभोक्ताओं की सेहत और उत्पादन की क्वालिटी और स्वाद को ध्यान में रखते हुए बनाया है. इन नए उत्पादों में गाय का विशेष दूध (500 मिली), हेल्थ प्लस डबल टोन्ड दूध (150 मिली), प्रोबायोटिक दही (400 ग्राम और 100 ग्राम), स्पेशल लस्सी (200 मिली), और गाय का घी (250 ग्राम और 500 ग्राम) शामिल हैं.
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किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी
मणिपुर डेयरी समिति (Manipur Dairy Society)अब राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (National Dairy Development Board) के तहत संचालित की जा रही है. इसके तहत उपभोक्ताओं के लिए दूध की खरीद को पूरी करह से पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के साथ ही किसानों को डिजिटल भुगतान (Digital Payment) की सुविधा देने के लिए स्वचालित दूध संग्रहण प्रणाली (एएमसीएस), डेयरी ईआरपी प्लेटफॉर्म और मिल्क चिलिंग सेंटर का शुभारंभ किया गया है. ताकि डेयरी किसानों को उनकी मेहनत के बदले सही कीमत मिल सके.
चिलिंग सेंटर से बढ़ेगी दूध की क्वालिटी
मणिपुर के काकचिंग में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 2 किलोलीटर क्षमता वाले बल्क मिल्क चिलिंग सेंटर की भी उद्घाटन किया. इस चिलिंग सेंटर की मदद से दूध की क्वालिटी और ताजगी बनाए रखने में मदद मिलेगी. ग्रामीण इलाकों में अकसर गांव के लोग दूध को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं, ऐसे में ये चिलिंग सेंटर दूध को स्टोर करने में भी मदद करेंगे. इसके अलावा मणिपुर डेयरी की पूरी योजना है कि वे अक्टूबर 2025 तक असम राइफल्स को दूध की आपूर्ति शुरु करेगी. इस तरह न केवल किसानों को अपने उत्पादन के लिए स्थायी बाजार मिलेगी बल्कि राष्ट्र सेवा से उनका भाव भी जुड़ेगा.