पशुपालन आज के समय में एक बेहतर कमाई का जरिया बन चुका है, लेकिन इस काम में सफलता तभी मिलती है जब हम अपने पशुओं की सही देखभाल करें. खासकर दुधारू गाय और भैंस की सेहत और दूध उत्पादन सीधे उनके खान-पान पर निर्भर करता है. बहुत से पशुपालकों को यह नहीं पता होता कि दूध देने वाले पशुओं को कितना और कैसा आहार देना चाहिए. इसी समस्या का हल लेकर हम यह जानकारी साझा कर रहे हैं, जिसमें संतुलित आहार की मात्रा से लेकर उसे बनाने की आसान विधि तक शामिल है.
क्यों जरूरी है संतुलित आहार?
दुधारू गाय और भैंसों को सिर्फ भूसा या हरा चारा खिलाने से उनका पोषण पूरा नहीं होता. दूध उत्पादन को बनाए रखने और पशु की अच्छी सेहत के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी होता है. संतुलित आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज लवण और विटामिन की सही मात्रा होती है, जो न सिर्फ दूध की मात्रा बढ़ाती है बल्कि उसकी गुणवत्ता भी सुधारती है.
दूध के अनुसार कितना खिलाएं?
पशुओं को कितना दाना देना है, यह उनकी दूध देने की क्षमता पर निर्भर करता है. उदाहरण के लिए, अगर कोई भैंस रोजाना 2 लीटर दूध देती है, तो उसे लगभग 1 किलो दाना देना चाहिए. वहीं, जो गाय एक दिन में 10 लीटर दूध देती है, उसे करीब 3 किलो दाना देना जरूरी होता है. ध्यान रखें कि दूध की मात्रा जितनी अधिक होगी, दाने की मात्रा भी उसी अनुपात में बढ़ानी होगी. उदाहरण के तौर पर, अगर भैंस 6 लीटर दूध देती है, तो उसे 3 किलो दाना देना उचित रहेगा ताकि उसका पोषण सही बना रहे.
घर पर संतुलित आहार कैसे बनाएं?
अगर आप अपने घर पर 100 किलो संतुलित पशु आहार बनाना चाहते हैं, तो सही मात्रा में सामग्री का उपयोग करें. इसमें सबसे पहले 35 किलो दाना लें, जिसमें मक्का, जौ, गेहूं और बाजरा जैसे अनाज शामिल होते हैं. इसके बाद 32 किलो खली मिलाएं, जैसे कि सरसों, मूंगफली, अलसी और बिनौले की खल. इसके साथ 30 किलो चोकर डालें, जिसमें गेहूं का चोकर, चना की चूरी, दालों की चूरी और राइस ब्रेन शामिल हैं. अंत में 3 किलो खनिज लवण और नमक मिलाएं, जिसमें 2 किलो खनिज लवण और 1 किलो नमक होता है. इस संतुलित आहार से पशु स्वस्थ रहते हैं और दूध उत्पादन बढ़ता है.
कुछ जरूरी बातें जो ध्यान रखें
तैयार किया गया आहार हमेशा ताजा और सूखा होना चाहिए, जिससे उसमें फफूंदी न लगे और खराब गंध भी न आए. इससे पशुओं की सेहत बेहतर रहती है और वे इसे अच्छे से खा पाते हैं. इसके अलावा, पशुओं को दिन में कम से कम दो बार आहार देना चाहिए– सुबह और शाम को. इससे उनका पाचन ठीक रहता है और वे स्वस्थ रहते हैं. चारे के साथ स्वच्छ और पर्याप्त पानी की भी पूरी व्यवस्था जरूरी है, क्योंकि पानी से ही पोषक तत्वों का सही अवशोषण होता है. बाजार में मिलने वाला रेडीमेड फीड अक्सर महंगा और कम पौष्टिक होता है, जबकि घर पर बना फीड सस्ता, ताजा और ज्यादा पौष्टिक होता है. इसलिए पशुपालकों को घर का बना आहार देना चाहिए.