पराली जलाने की घटना पर लगेगा ब्रेक, 80 फीसदी सब्सिडी पर मिल रही है पराली प्रबंधन मशीनें..आए 16837 आवेदन

पंजाब में पराली जलाने से बचाने के लिए सरकार ने 60-80 फीसदी सब्सिडी पर 42,476 पराली प्रबंधन मशीनों के लिए आवेदन लिए हैं. किसानों को 9,500 मशीनें दी जा चुकी हैं. बाढ़ के कारण वितरण में देरी हुई है. योजना में कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर भी खास ध्यान है, ताकि छोटे किसान भी लाभ उठा सकें.

Kisan India
नोएडा | Published: 22 Sep, 2025 | 06:37 PM

Punjab News: पंजाब में धान की कटाई शुरू हो गई है और इसके साथ ही पराली जलाने के मामले भी सामने आने लगे हैं. लेकिन इस बार राज्य सरकार पहले से ही सतर्क है. किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ 60 से 80 फीसदी सब्सिडी पर पराली प्रबंधन मशीनें दी जा रही हैं. अभी तक पंजाब सरकार को पूरे राज्य से 42,476 पराली प्रबंधन मशीनों के लिए 16,837 आवेदन मिल चुके हैं. इसकी जानकारी कृषि और किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने दी है. उन्होंने कहा कि किसानों में सबसे ज्यादा मांग सुपर-सीडर मशीन की है, जिसके लिए 14,493 आवेदन आए हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अब तक 9,500 मशीनें किसानों को दी जा चुकी हैं. बाकी मशीनें अक्टूबर के पहले हफ्ते तक वितरित कर दी जाएंगी. अधिकारियों ने कहा कि अगस्त में आई बाढ़ के कारण मशीनों के वितरण में देरी हुई.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है, जिसमें से 40 फीसदी हिस्सा पंजाब सरकार  देगी और बाकी केंद्र सरकार वहन करेगी. कृषि निदेशालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस बार हमारा फोकस कस्टम हायरिंग सेंटर्स  (CHCs) पर है. हमारा लक्ष्य 1,500 सेंटर्स बनाने का है, जिनमें से 1,319 पहले ही बन चुके हैं. इन CHCs को 30 लाख रुपये तक की मशीनें दी जाएंगी, जिन पर 24 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है, ताकि छोटे किसान भी आसानी से मशीनों का उपयोग कर सकें.

60 फीसदी सब्सिडी पर मिलेगी मशीनें

सरकार इस बार 4,367 किसानों तक सब्सिडी वाली मशीनें  पहुंचाने की योजना बना रही है. पहले करीब 40,000 किसानों को टारगेट किया गया था, लेकिन देखा गया कि अकेले किसानों के पास दी गई मशीनें ज्यादा इस्तेमाल नहीं हो पाईं और काफी महंगी साबित हुईं. अब सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों और गांव की पंचायतों को इसका लाभ मिले. व्यक्तिगत किसानों को 60 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है, जबकि पंचायतों, कस्टम हायरिंग सेंटर (CHCs) और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को 80 फीसदी सब्सिडी मिल रही है.

महंगी मशीनों पर 65 फीसदी सब्सिडी

सरकार बड़े किसानों और इंडस्ट्री के लिए पुआल (parali) उठाने वाली महंगी मशीनों पर 65 फीसदी सब्सिडी दे रही है. इनमें ट्रैक्टर, बेलर और रेक मशीन शामिल हैं, जिनकी कीमत 1 करोड़ रुपये और 1.5 करोड़ रुपये तक है. अब तक 1 करोड़ रुपये वाली 26 मशीनें और 1.5 करोड़ रुपये वाली 8 मशीनें दी जा चुकी हैं. कुल 40 ऐसी मशीनें देने का लक्ष्य है. इन मशीनों को बड़ी कंपनियां और उद्यमी ले रहे हैं. इस बार धान की खेती  32.5 लाख हेक्टेयर में हुई है, जिसमें से 6.81 लाख हेक्टेयर में बासमती धान बोया गया है.

180 लाख टन धान उत्पादन का अनुमान

इस साल पंजाब में कुल 180 लाख टन धान उत्पादन  का अनुमान था, लेकिन अमृतसर, तरनतारण, गुरदासपुर और कपूरथला में बाढ़ और जलभराव के कारण उत्पादन और गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है. फिर भी इस सीजन करीब 190 लाख टन पराली निकलने की उम्मीद है.

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