Odisha News: ओडिशा के गंजाम जिले में किसानों को लंबे समय से इंतजार रही धान खरीद प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई. इसकी शुरुआत फासीगुड़ा और दक्षिणापुर में दो मंडियों के खुलने के साथ हुई, जो क्रमशः दिगपहांडी और कुकुदाखंडी ब्लॉक में हैं. गंजाम कलेक्टर कीर्ति वासन वी ने इन केंद्रों पर धान खरीद का शुभारंभ किया. प्रशासन के अनुसार, अगले एक हफ्ते में जिले भर में और मंडियां खोली जाएंगी. किसानों की सुविधा के लिए जिले में करीब 476 खरीद केंद्र बनाए जाएंगे. धान खरीद में महिला स्वयं सहायता समूह, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) और पानी पंचायत जैसी विभिन्न एजेंसियों को शामिल किया गया है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, कलेक्टर ने बताया कि मंडियों में पीने का पानी, धान रखने के लिए शेड, शौचालय और CCTV कैमरे जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. उन्होंने कहा कि इस साल जिले में 56 मॉडल मंडियां बनाई जाएंगी, जहां स्थायी खरीद ढांचा और सभी जरूरी सुविधाएं होंगी. दक्षिणापुर मंडी, जहां खरीद शुरू हुई है, इन्हीं मॉडल मंडियों में से एक है.
धान खरीद में 109 महिला स्वयं सहायता समूह शामिल होंगे
उन्होंने यह भी कहा कि इस बार धान खरीद में 109 महिला स्वयं सहायता समूह शामिल होंगे, जिनमें 1,000 से अधिक महिलाएं जुड़ी होंगी, जो राज्य में सबसे अधिक संख्या है. महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को धान खरीद से जुड़ा प्रशिक्षण दिया गया है. ये समूह धान की गुणवत्ता की जांच करेंगे, किसानों से खरीद करेंगे और फिर उसे मिलरों तक पहुंचाएंगे. इससे पहले किसानों ने जिले में मजबूरी में कम दाम पर बिक्री रोकने के लिए जल्द खरीद शुरू करने की मांग की थी.
36.56 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा
मुख्य नागरिक आपूर्ति अधिकारी प्रद्युम्न कुमार राउत्रे ने कहा कि सरकार ने पहले चरण में 36.56 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य रखा है, जिसे आगे के चरणों में बढ़ाया जा सकता है. पिछले साल करीब 1.4 लाख किसानों से 58.80 लाख क्विंटल धान खरीदा गया था. इस साल 1.56 लाख किसान धान बेचने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं.
गुणवत्ता की परवाह किए बिना सारा धान खरीदा जाए
वहीं, किसानों ने सरकार से मांग की है कि गुणवत्ता की परवाह किए बिना सारा धान खरीदा जाए, क्योंकि अक्टूबर में हुई बेमौसम बारिश से फसल खराब हो गई है. बड़ी मात्रा में धान गीला और बदरंग हो गया है. रुशिकुल्या रैत महासभा के सचिव सिमांचल नाहक ने कहा कि ऐसा धान FAQ मानकों पर खरा नहीं उतरने के कारण एजेंसियों द्वारा खारिज किया जा सकता है, इसलिए सरकार को सभी किसानों का धान खरीदना चाहिए.