किसानों को मिलेगा उपज का उचित रेट, सरकार बनाएगी 38 मॉडल मंडियां.. कैबिनेट से मिली मंजूरी

ओडिशा सरकार ने किसानों को धान खरीद में राहत देने के लिए पहले चरण में 38 आधुनिक मॉडल मंडियों की स्थापना को मंजूरी दी है. इनमें भंडारण, टेस्टिंग, बैंक, पार्किंग और डिजिटल सिस्टम जैसी सुविधाएं होंगी.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 16 Aug, 2025 | 10:13 AM

ओडिश में किसानों को धान की खरीद के दौरान होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में पहले चरण में सभी जिलों में 38 मॉडल मंडियां बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को कहा कि ये आधुनिक मंडियां ऐसी होंगी जहां किसानों, व्यापारियों और अन्य संबंधित पक्षों को एक ही छत के नीचे सभी जरूरी सुविधाएं मिलेंगी.  इसमें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल सिस्टम भी शामिल होंगे, जिससे खरीद-बिक्री की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी होगी.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि मॉडल मंडियों के पहले चरण के विकास पर 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें से 150 करोड़ रुपये ओडिशा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (OSAM) के अंतर्गत रेगुलेटेड मार्केट कमेटियों (RMCs) से जुटाए जाएंगे और बाकी 150 करोड़ रुपये राज्य योजना से दिए जाएंगे. सहकारिता विभाग ने चालू वित्त वर्ष में इस योजना के तहत पहले ही 50 करोड़ रुपये का प्रावधान कर दिया है.

मंडियों में होंगी ये सुविधाएं

आधुनिक सुविधाओं से लैस इन मॉडल मंडियों में भंडारण के लिए गोदाम, ऊंचे सीमेंटेड ड्राइंग प्लेटफॉर्म, शेड, क्वालिटी टेस्टिंग कियोस्क, कूलिंग चैंबर, इलेक्ट्रॉनिक कांटे, बैंक और एटीएम, गाड़ियों की पार्किंग, किसानों के लिए विश्राम स्थल और शौचालय, महिला किसानों के लिए अलग सुविधाएं, भोजनालय, वेंडिंग जोन, कृषि से जुड़ी रिटेल दुकानों और वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट जैसी सुविधाएं होंगी.

किसानों को मिलेगी उपज की बेहतर कीमत

मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि सहकारिता विभाग के अंतर्गत मौजूदा मंडियों की स्थिति का दोबारा आकलन किया गया है, ताकि धान और अन्य कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री को ध्यान में रखते हुए स्थानीय जरूरतों के हिसाब से जरूरी और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि किसानों को आधुनिक और एकीकृत सुविधाएं मिलें, कृषि व्यापार में पारदर्शिता बढ़े और बाजार से सीधे जुड़ाव के अवसर मिलें, ताकि किसान अपनी उपज के बेहतर दाम पा सकें.

62 और मंडिया होंगी विकसित

पहले चरण में जिन 38 मंडियों को चुना गया है, उनमें 14 बड़ी, 17 मध्यम और 7 छोटी मंडियां शामिल हैं. इन सभी को दो साल के भीतर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. इसका निर्माण कार्य ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन (OBCC) द्वारा किया जाएगा. आगे की योजना में 62 और मंडियों को विकसित किया जाएगा, जिसके लिए पहचान की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 16 Aug, 2025 | 08:58 AM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%