उत्तर प्रदेश में इस साल हरियाली का दायरा और बड़ा होने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार इस बार पौधरोपण अभियान में किसानों की जमीन को भी शामिल कर रही है. खास बात यह है कि इस मिशन में किसान उत्पादक संगठनों (FPO) की भी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है. सरकार का मानना है कि जब तक गांव और खेत अभियान का हिस्सा नहीं बनेंगे, तब तक व्यापक हरियाली संभव नहीं है. इसलिए इस बार वन महोत्सव में कृषकों की निजी भूमि पर भी पौधे लगाए जाएंगे, ताकि हरियाली गांव-गांव तक फैले और किसानों को भी इसका सीधा लाभ मिले.
योगी सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 35 करोड़ पौधों के रोपण और संरक्षण का लक्ष्य तय किया है. यह कार्य महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि प्रदेश को हरित राज्य बनाने का ठोस प्रयास है. भारतीय वन स्थिति रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में पिछले वर्षों के दौरान 559.19 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो जनसहभागिता और सरकार की नीतियों का परिणाम है. इस बार यह साझेदारी और गहरी होगी, क्योंकि किसान स्वयं इस हरियाली अभियान का हिस्सा बनेंगे.
पौधरोपण के लिए जमीनों का चयन
सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जहां भी जगह मिले, वहां पौधरोपण किया जाए. इसके तहत वन भूमि, ग्राम पंचायत की भूमि, नहरों और एक्सप्रेसवे के किनारे, औद्योगिक परिसरों, चिकित्सा और शैक्षणिक संस्थानों, रेलवे और रक्षा विभाग की जमीनों के अलावा कृषकों की निजी भूमि को भी चिह्नित किया गया है. किसानों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपने खेतों की सीमाओं, मेड़ों और बंजर जमीन पर पौधे लगाएं. इसके लिए FPO (किसान उत्पादक संगठनों) की मदद से पौधों की गुणवत्ता, वितरण और देखरेख सुनिश्चित की जाएगी.
जनसहयोग से चलेगा अभियान
योगी सरकार की योजना है कि पौधरोपण महज सरकारी कवायद न बनकर जनआंदोलन का रूप ले. इसलिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संगठनों, एनसीसी, एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र, व्यापार मंडल, महिला व युवक मंगल दल के साथ-साथ विशेष रूप से FPO (किसान उत्पादक संगठनों) की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है. किसानों के लिए यह सिर्फ पर्यावरण संरक्षण नहीं, बल्कि आर्थिक, जैविक और मिट्टी संरक्षण के लिहाज से भी फायदेमंद कदम है.
जुलाई के पहले सप्ताह में वन महोत्सव
हर साल की तरह इस बार भी 1 से 7 जुलाई तक पूरे प्रदेश में वन महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. जिलावार, विभागवार, ग्राम पंचायत और शहरी निकाय स्तर पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है. इससे पहले 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर भी बड़े स्तर पर पौधरोपण का आयोजन होगा.
सभी विभागों को दिए गए पौधरोपण लक्ष्य
पौधरोपण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट जिम्मेदारियां दी गई हैं. वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को 14 करोड़, ग्राम्य विकास विभाग को 12.59 करोड़, कृषि विभाग को 2.50 करोड़, उद्यान विभाग को 1.55 करोड़, पंचायती राज विभाग को 1.27 करोड़ और राजस्व विभाग को 1.05 करोड़ पौधों के रोपण का जिम्मा सौंपा गया है. इसके अलावा अन्य विभाग भी अपने-अपने हिस्से का योगदान देंगे.