ये मौसम बढ़ा सकता है आमदनी, मछली पालन शुरू करने से पहले जान लें ये बातें

मछली पालन एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है, खासकर जुलाई और अगस्त के महीने में जब बारिश के कारण तालाबों में पानी भरने में आसानी होती है. सरकार भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिसमें तालाब निर्माण, मछली बीज, दवा और बिक्री के लिए सहायता मिलती है.

नोएडा | Published: 10 May, 2025 | 03:20 PM

अगर आप खेती के साथ-साथ कोई ऐसा काम शुरू करना चाहते हैं, जिससे आपकी आमदनी में जबरदस्त इजाफा हो तो मछली पालन आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. खासकर जुलाई और अगस्त का महीना इस व्यवसाय की शुरुआत के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है. लेकिन ध्यान रहे कि मछली पालन सिर्फ तालाब खोदने से नहीं होता. इसके लिए मिट्टी का प्रकार, पानी की उपलब्धता, तालाब की सफाई और सही प्रजाति के बीज का चुनाव बेहद अहम होता है.

अच्छी बात ये है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी से लेकर तकनीकी मदद तक कई योजनाएं चला रही हैं. ऐसे में अगर आप सोच-समझकर शुरुआत करें, तो मछली पालन आपके लिए मुनाफे का सौदा बन सकता है.

कब और कहां करें मछली पालन की शुरुआत?

मछली पालन के लिए सबसे अच्छा समय मानसून का होता है. यानी जुलाई और अगस्त के महीने. इस दौरान बारिश की वजह से तालाबों में पानी भराव आसानी से हो जाता है. लेकिन सिर्फ सही समय नहीं, जगह का चुनाव भी उतना ही जरूरी है. बलुई या ज्यादा रिसाव वाली मिट्टी में तालाब बनाने से नुकसान हो सकता है. इसलिए विशेषज्ञों की मानें तो दोमट मिट्टी वाली जमीन सबसे बेहतर होती है. इसमें ध्यान देने की बात यह है कि तालाब खुदवाने से पहले मिट्टी की जांच जरूर करवा लें, ताकि बाद में कोई पछतावा न हो.

तालाब की बनावट और देखभाल

तालाब पुराना हो या नया, शुरुआत एक जैसी ही होनी चाहिए. पहले उसे पूरी तरह से साफ करें और 10 से 15 दिन तक सूखने दें. इसके बाद उसमें चूना डालें और गोबर की खाद मिलाएं. फिर चार दिन बाद ही उसमें मछली का बीज डालें. अगर आप पुराने तालाब का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये जरूर सुनिश्चित करें कि उसमें कोई मेढ़क, केंकड़ा या कीट-पतंगे न हों. ध्यान देने की बात यह है कि तालाब में पानी की गहराई 5 से 6 फीट होनी चाहिए और उसमें लगातार पानी बना रहना चाहिए, वरना मछलियों की ग्रोथ रुक सकती है.

खरपतवार से मछलियों की ग्रोथ पर असर

जलीय खरपतवार यानी पानी में उगने वाले अनचाहे पौधे तालाब में बिल्कुल नहीं होने चाहिए. ये न सिर्फ पानी की गुणवत्ता बिगाड़ते हैं, बल्कि मछलियों के लिए जरूरी पोषक तत्व भी सोख लेते हैं. इससे उनकी वृद्धि धीमी हो जाती है. इसके अलावा, तालाब का पानी साफ और ऑक्सीजन से भरपूर होना चाहिए, ताकि मछलियां स्वस्थ और तेजी से बढ़ें.

कौन-सी मछलियां पालना फायदेमंद रहेगा?

अगर आप मछली पालन शुरू करना चाहते हैं तो रोहू, कतला, मृगल, सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प और ग्रास कार्प जैसी प्रजातियों से शुरुआत करना बेहतर होता है. क्योंकि इनकी मांग बाजार में ज्यादा होती है और दाम भी अच्छे मिलते हैं.

सरकारी योजनाओं से मिलेगी मछली पालन में मदद

केंद्र और राज्य सरकारें मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जिनमें सब्सिडी, ट्रेनिंग और तालाब निर्माण से लेकर मछली बीज और दवा की सहायता शामिल है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत किसानों को तालाब निर्माण या सुधार के लिए 50 फीसदी सब्सिडी मिलती है. इसके अलावा, राज्य सरकारें भी अलग-अलग योजनाओं के जरिए मछली पालन को आसान और लाभकारी बनाने का काम कर रही हैं.