प्याज की कीमत में गिरावट.. एक महीने में 8 फीसदी सस्ता हुआ रेट, जानें ताजा मंडी भाव

प्याज की कीमतें मई में औसतन 7.86 फीसदी गिरीं, जबकि अधिकतम और न्यूनतम रेट में भी कमी आई. महाराष्ट्र में बारिश से प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है.

नई दिल्ली | Updated On: 1 Jun, 2025 | 02:24 PM

मॉनसून की दस्तक के साथ ही खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हो गई है. लेकिन प्याज की कीमतों के साथ उल्टा हो रहा है. इसकी कीमत बढ़ने के बजाए कम होती जा रही है. एक महीने पहले 1 मई को जिस प्याज का औसत भाव पूरे देश में 28.23 रुपये किलो था, वह 31 मई आते-आते गिरकर 26.01 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया. यानी 30 दिनों के अंदर ही प्याज के औसत रेट में 7.86 फीसदी की गिरावट आई है.

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के प्राइस मॉनिटरिंग डिविजन के अनुसार, इसी तरह 1 मई को प्याज का अधिकतम कीमत 67 रुपये किलो और मिनिमम कीमत 14 रुपये किलो थी, जो 31 मई को गिरकर क्रमश: 60 रुपये और 11 रुपये किलो पर पहंच गई है. यानी एक महीने में प्याज की अधिकतम और मिनिमम कीमत में भी गिरावट आई है. हालांकि, 31 मई को देश में सबसे अधिक प्याज का रेट 56.67 रुपये किलो अंडमान निकोबार में दर्ज किया गया. इसके बाद मिजोरम में 51.38 रुपये किलो रहा.

महाराष्ट्र में फसल को बहुत अधिक नुकसान

वहीं,  बेमौसम बारिश की वजह से प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. खासकर नासिक जिले में बर्बादी कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रही है. इससे आने वाले दिनों में प्याजी की कीमतों में बढ़ोतरी भी हो सकती है. यहां पर हजारों हेक्टेयर में प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में महाराष्ट्र प्याज किसान संघ (MOGA) ने राज्य सरकार से हाल ही में भारी बारिश से प्रभावित प्याज किसानों को तुरंत आर्थिक मदद देने की मांग की है.

किसानों को मिले आर्थिक मदद

MOGA के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि राज्य सरकार को चाहिए कि वह प्याज की फसल को हुए नुकसान के लिए किसानों को प्रति एकड़ 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद दे. साथ ही दिघोले ने कहा कि जिन किसानों ने सस्ते दामों पर अपनी प्याज बेची है, क्योंकि थोक कीमतें सरकारी गलत नीतियों की वजह से गिर गई हैं, उन्हें प्रति क्विंटल 2,000 रुपये का अनुदान भी दिया जाना चाहिए.

Published: 1 Jun, 2025 | 02:00 PM