पंजाब में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मिलने वाले मुफ्त गेहूं का लाभ 33 लाख से ज्यादा लाभार्थी जुलाई से नहीं उठा सकते हैं, क्योंकि वे 31 मई तक अपनी eKYC पूरी नहीं कर पाए. केंद्र सरकार ने सभी लाभार्थियों के लिए eKYC (आधार और बायोमेट्रिक से लिंकिंग) को अनिवार्य किया है, ताकि फर्जी या अपात्र लाभार्थियों को हटाया जा सके. तय समय सीमा तक eKYC नहीं कराने वालों को अब मुफ्त गेहूं नहीं मिलेगा.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 मई को सभी जिलों के खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों की बैठक हुई, जिसमें निर्देश दिया गया कि जुलाई से सितंबर तक केवल उन्हीं परिवारों को गेहूं दिया जाए जिनके परिवार प्रमुख की eKYC पूरी हो चुकी है. साथ ही, जिन लाभार्थियों की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम हटाने के भी आदेश दिए गए हैं. खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि eKYC प्रक्रिया जारी है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत NFSA में शामिल 1.59 करोड़ लाभार्थियों में से 78.90 फीसदी का eKYC पूरा हो चुका है.
1.25 करोड़ लोगों की eKYC कंप्लीट
उन्होंने बताया कि अब तक 1.25 करोड़ लोगों की eKYC कंप्लीट हो चुकी है और 11,952 लाभार्थियों का काम अभी प्रगति में है. हमारा मकसद है कि सिर्फ पात्र लोगों को ही मुफ्त राशन मिले. अधिकारी ने यह भी कहा कि सभी लाभार्थियों को पर्याप्त समय दिया गया था और राज्य के 2,000 राशन डिपो में लगे ePOS मशीनों के जरिए eKYC करवाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी.
सत्यापन के लिए eKYC है जरूरी
राज्य सरकार ने 2022 में NFSA (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) के तहत आने वाले लाभार्थियों की भौतिक सत्यापन (physical verification) कराने का आदेश दिया था. इस दौरान लाखों लाभार्थी अपात्र पाए गए. हालांकि, यह कदम राजनीतिक और सामाजिक विवाद का कारण बन गया, क्योंकि कई ऐसे लोग भी “अपात्र” घोषित कर दिए गए जो उस समय घर पर मौजूद नहीं थे. इसके बाद सरकार ने तय किया कि eKYC सत्यापन डेटा को ही पात्रता तय करने का आधार (benchmark) बनाया जाएगा, ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके.