उत्तर प्रदेश सरकार खेती में आधुनिक तकनीक को अपनाकर किसानों की आय दोगुनी करना चाहती है. इसी उद्देश्य के साथ ‘कृषि यंत्रीकरण योजना’ (UP Krishi Yantra Subsidy Yojana) के माध्यम से 25 फीसदी से लेकर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी और अनुदान दिया जा रहा है. योजना का एक बड़ा पहलू है कि किसानों को कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन पोर्टल के जरिए मशीन बुकिंग, चयन और भुगतान की सुविधा दी जा रही है. इस योजना के तहत किसान कम समय में अधिक उत्पादन कर सकते हैं, जबकि सरकारी प्रशिक्षण, सत्यापन और लाभार्थी नियंत्रण प्रणाली से धांधली की उत्तम रोक लगाई जाएगी.
80 फीसदी तक सब्सिडी- मुख्य लाभ और रणनीति
इस योजना में विभिन्न कृषि यंत्रों पर 25 फीसदी से लेकर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी उपलब्ध है. उदाहरण स्वरूप- ट्रैक्टर पर अधिकतम 25 फीसदी सब्सिडी (45,000 रुपये तक), पावर टिलर पर 40 प्रतिशत और रोटावेटर व लेजर लेवलर पर 50 प्रतिशत. कस्टम हायरिंग सेंटर और फार्म मशीनरी बैंक पर 80% तक सब्सिडी दी जाती है. यह सब्सिडी मूल रूप से छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखते हुए विभाजन की गई है.
2500 रुपये टोकन मनी जमाकर बुकिंग कराएं
सब्सिडी पाने के लिए किसान को आधिकारिक पोर्टल पर जाकर बुकिंग करनी होती है. इसके लिए 2,500 रुपये की टोकन राशि जमा करनी होती है. चयन प्रक्रिया ई‑लॉटरी प्रणाली के माध्यम से होती है, जिससे चयन निष्पक्ष और पारदर्शी होता है. योग्य लाभार्थियों को अपनी खरीद का बिल पोर्टल पर अपलोड करना होता है, जिससे सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT के माध्यम से भेजी जाती है. सब्सिडी पाने के लिए यंत्र का सीरियल नंबर, ई‑वे बिल और पोर्टल पर फर्म/डीलर का विवरण दर्ज करना अनिवार्य है.
रजिस्टर्ड डीलर से नहीं खरीदने पर सब्सिडी नहीं मिलेगी
योजना में शामिल सभी यंत्र केवल पोर्टल पर पंजीकृत फर्म द्वारा ही बेचे जाएंगे. अगर किसान गैर-पंजीकृत डीलर से मशीन खरीदता है, तो उसे सब्सिडी नहीं मिलेगी. साथ ही, अनुदान पात्र मशीनें जैसे औजार, स्प्रेयर, पंप सेट, रोटावेटर, थ्रेशर आदि सूचीबद्ध हैं और हर यंत्र की सीमा व अधिकतम अनुदान राशि स्पष्ट रूप से तय की गई है. राज्य सरकार ने दोषपूर्ण मशीनों की जांच एवं गुणवत्ता नियंत्रण के लिए सरकार के जरीए नियुक्त अधिकारियों द्वारा स्थल सत्यापन करने की व्यवस्था रखी है.
आवेदन के तरीके
सभी लाभार्थियों को यांत्रिकीकरण संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. सतर्क किसान योजना का हिस्सा बनकर अधिक उत्पादन व लागत-बचत सुनिश्चित कर सकते हैं. लाभार्थियों को कृषि विभाग ने ऑनलाइन पंजीकरण, बुकिंग प्रक्रिया, भुगतान एवं प्रमाणिकता विवरण दर्ज करने की सलाह दी है. राज्य में अधिकतम कृषक समूह, FPO, SHG एवं व्यक्तिगत किसान इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं.