Punjab News: पंजाब में बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब फसलों में वायर जनित रोग फैल रहा है. इससे खास कर धान की फसलों को नुकसान हो रहा है. पटियाला जिले के 100 से ज्यादा गांवों में करीब 8,000 एकड़ में धान की फसल ‘ड्वार्फ वायरस’ (जिसे स्थानीय रूप से बोना वायरस कहा जाता है) से बुरी तरह प्रभावित हुई है. शुरुआती किस्मों की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. पटियाला (रूरल) से विधायक और स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा है कि इस साल ज्यादा बारिश और खेतों में नमी के कारण यह समस्या और बढ़ गई है. वहीं, किसानों को सलाह दी गई है कि वे पैनिकल (बालियों) के निकलने से पहले Cocide 2000 की 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि कृषि विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि खेतों से अतिरिक्त पानी निकाला जाए और जिंक व कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाए, ताकि वायरस फैलाने वाले व्हाइट-बैक प्लांट हॉपर कीटों पर काबू पाया जा सके. मंत्री ने कृषि विशेषज्ञों की टीम के साथ लैंग, लछकनी, न्यू फतेहपुर, बख्शीवाला, डंडराला खुर्द, लूट, अल्लोवाल और सिधुवाल गांवों का दौरा कर प्रभावित फसल का निरीक्षण किया.
बीमारी के कारणों की गहराई से जांच
उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि इस मुद्दे को मुख्यमंत्री भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़ियां के सामने उठाया गया है और किसानों को हर संभव मदद दी जाएगी. स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि उन्होंने कृषि विशेषज्ञों को निर्देश दिए हैं कि वे इस बीमारी के कारणों की गहराई से जांच करें और इसे फैलने से रोकने के लिए तुरंत कदम उठाएं.
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इस दवाई का करें छिड़काव
विशेषज्ञों के मुताबिक, 25 जून से पहले लगाए गए धान खासकर PR 131, PR 132 और PR 114 जैसी शुरुआती किस्में सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं. इन पौधों की बढ़त रुक गई, वे ठीक से विकसित नहीं हुए और दाना नहीं बना. इस साल अधिक बारिश और नमी ने समस्या को और बढ़ा दिया. फॉल्स स्मट (झूठा कंडुआ) रोग से बचाव के लिए किसानों को सलाह दी गई है कि वे पैनिकल (बालियों) के निकलने से पहले Cocide 2000 की 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करें. बलबीर सिंह ने कहा कि सरकार हालात से पूरी तरह वाकिफ है और फसल को नुकसान से बचाने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है. उन्होंने किसानों से अपील की कि वे कृषि विशेषज्ञों के संपर्क में रहें, ताकि समय पर बचाव के उपाय किए जा सकें.
करीब 3.60 लाख पशु प्रभावित
बता दें कि इस साल पंजाब में बाढ़ ने फसल और पशुओं को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. पशुपालन विभाग के मुताबिक, बाढ़ से करीब 3.60 लाख पशु प्रभावित हुए हैं. इनमें से 534 मवेशियों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा हजारों मुर्गियां, बकरियां, घोड़े और बछड़े भी मारे गए हैं. पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी ने बताया कि अब तक की रिपोर्ट में 373 मवेशी लापता हैं. ऐसा माना जा रहा है कि ये मवेशी पानी के बहाव में पाकिस्तान की ओर चले गए हैं और अब उनके बचने की संभावना नहीं है.