PMFBY: बर्बाद नहीं होगी किसान की मेहनत, इन 5 आसान बातों का पालन करें और फसल सुरक्षित रखें

किसानों की मेहनत को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि वे कुछ अहम कदम उठाएं. सही योजना, सावधानी और सरकारी मदद से फसल का नुकसान रोका जा सकता है. इन उपायों से किसान की आय स्थिर रहती है और उसका भविष्य सुरक्षित बनता है.

नई दिल्ली | Published: 18 Sep, 2025 | 05:40 PM

PM Fasal Bima Yojana: खेती को हमेशा जोखिम भरा काम माना जाता है. किसान पूरे साल मेहनत करता है, लेकिन अचानक बदलते मौसम, बेमौसम बारिश, सूखा, बाढ़ या कीट-बीमारियां उसकी मेहनत पर पानी फेर देती हैं. कई बार पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है और किसान कर में डूब जाता है. ऐसी स्थिति में उसकी आर्थिक हालत बिगड़ जाती है और परिवार की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो जाता है. इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों के लिए फसल बीमा जैसी योजना शुरू की है. यह योजना किसानों को सुरक्षा कवच देती है. इससे न केवल उनकी मेहनत का संरक्षण होता है, बल्कि खेती में बने रहने का हौसला और भविष्य के लिए भरोसा भी मिलता है.

बीमा क्या है और क्यों जरूरी है?

बीमा एक तरह की सुरक्षा ढाल है. यह किसी भी व्यक्ति या व्यवसाय को अचानक होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बनाया गया है. इसमें सभी लोग थोड़ी-थोड़ी राशि जमा करते हैं और अगर किसी एक को बड़ा नुकसान होता है तो उसी राशि से उसकी मदद की जाती है. किसान के लिए बीमा खास मायने रखता है क्योंकि उसकी पूरी आमदनी फसल पर ही निर्भर होती है.

किसानों के लिए फसल बीमा क्यों अहम है?

फसल बीमा किसानों को उन मुश्किल हालात से बचाता है, जब उनकी मेहनत से उगाई गई फसल पूरी तरह खराब हो जाती है. यह योजना किसानों को बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, चक्रवात और कीट-रोग जैसे संकटों से हुए नुकसान की भरपाई देती है. फसल बीमा (Crop Insurance) का मकसद यही है कि किसान आर्थिक संकट में न फंसे और खेती छोड़ने की नौबत न आए.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का उद्देश्य

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को 2016 में शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र को मजबूती देना है. इसके तहत:-

  • अप्रत्याशित घटनाओं से हुई फसल हानि पर किसानों को आर्थिक सहायता मिलती है.
  • किसानों की आय स्थिर रहती है ताकि वे खेती से जुड़े रहें.
  • किसान नई तकनीक और आधुनिक खेती के तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित होते हैं.
  • कृषि क्षेत्र में ऋण का प्रवाह बढ़ता है और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है.

मौसम आधारित फसल बीमा क्या है?

खेती का सबसे बड़ा दुश्मन मौसम है. बारिश समय पर न हो, तापमान ज्यादा बढ़ जाए या ओले गिर जाएं, तो फसल चौपट हो जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए मौसम आधारित फसल बीमा बनाया गया है. इस योजना में बारिश, पाला, आर्द्रता और तापमान जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों से हुई संभावित फसल हानि का मुआवजा मिलता है.

कौन-सी फसलें आती हैं बीमा कवर में?

फसल बीमा योजना के तहत तीन बड़ी श्रेणियों की फसलें आती हैं:-

  • खाद्य फसलें- जैसे गेहूं, धान, ज्वार, बाजरा और दालें.
  • तिलहन फसलें- जैसे सरसों, मूंगफली, सोयाबीन.
  • वार्षिक व्यावसायिक और बागवानी फसलें- जैसे गन्ना, कपास, सब्जिया और फल.
  • यह कवरेज किसानों को व्यापक सुरक्षा देता है ताकि वे किसी भी फसल को बोने से डरें नहीं.

बीमा राशि और कवरेज सीमा

किसान चाहे ऋणी हो या गैर-ऋणी, दोनों के लिए बीमा राशि (Insurance Amount) प्रति हेक्टेयर तय वित्तमान के बराबर होती है. यह राशि राज्य स्तर पर तय की जाती है. किसान को बीमा राशि उतनी ही मिलती है, जितने क्षेत्र में उसने फसल बीमा कराया है. साथ ही, सिंचित और असिंचित क्षेत्रों के लिए बीमा राशि अलग-अलग हो सकती है.

किन-किन नुकसान को कवर करता है बीमा?

फसल बीमा योजना कई तरह के जोखिमों को कवर करती है:-

  • प्राकृतिक आपदा- आग, बिजली, चक्रवात, बाढ़, भूस्खलन.
  • सूखा और रोग- बारिश न होने या कीट-रोग लगने से हुई बर्बादी.
  • बुवाई न हो पाना- अगर मौसम खराब होने से किसान बोआई ही न कर पाए, तो 25 फीसदी तक मुआवजा मिलता है.
  • कटाई के बाद नुकसान- फसल काटने के 14 दिन तक अगर चक्रवात या बेमौसम बारिश से नुकसान होता है, तो बीमा कवर मिलता है.
  • स्थानीय आपदाएं- जैसे किसी खास खेत को आई बाढ़ या ओलावृष्टि से नुकसान.
  • हालांकि युद्ध, दंगे, परमाणु खतरे या जानवरों द्वारा की गई हानि बीमा में शामिल नहीं हैं.

किसानों के लिए योजना क्यों है फायदेमंद?

फसल बीमा किसानों के लिए एक मजबूत सहारा है. यह उनकी मेहनत का संरक्षण करता है और उन्हें आर्थिक संकट से उबारता है. योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसान को खेती छोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि वह आत्मविश्वास के साथ अगली फसल बो सकता है.

इन बातों का रखें ध्यान

  1. आधिकारिक पोर्टल पर आवेदन करें- किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट (https://pmfby.gov.in/farmerLogin) पर जाकर किसान कॉर्नर में पंजीकरण कर सकते हैं और अपनी व्यक्तिगत तथा फसल की जानकारी ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं.
  2. जरूरी दस्तावेज अपलोड करें- आवेदन प्रक्रिया के दौरान आधार कार्ड, भूमि के कागजात, बैंक खाता विवरण और अन्य पहचान प्रमाण जैसे जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन पोर्टल पर स्कैन कॉपी के रूप में अपलोड करने होते हैं.
  3. आवेदन सबमिट और पुष्टि करें- सभी विवरण सही भरने और दस्तावेज अपलोड करने के बाद किसान को फॉर्म सबमिट करना होता है, जिसके बाद रजिस्ट्रेशन नंबर जनरेट होकर आवेदन की पुष्टि हो जाती है.
  4. बैंक या एजेंट के जरिए आवेदन- ऑनलाइन के अलावा किसान निकटतम बैंक शाखा या अधिकृत बीमा कंपनी एजेंट के माध्यम से भी आवेदन कर सकते हैं और आवश्यक कागजात जमा कर सकते हैं.
  5. सहायता और जानकारी के विकल्प- किसानों को आवेदन प्रक्रिया (Application Process) या योजना से जुड़ी जानकारी के लिए नजदीकी कृषि विभाग, बैंक शाखा या बीमा कंपनी से सहायता प्राप्त करने का विकल्प हमेशा उपलब्ध रहता है.

Published: 18 Sep, 2025 | 05:40 PM

निम्नलिखित फसलों में से किस फसल की खेती के लिए सबसे कम पानी की आवश्यकता होती है?

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गन्ना
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धान (चावल)
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बाजरा (मिलेट्स)
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केला
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