Kisan India Annapurna Summit 2025: किसान इंडिया के अन्नपूर्णा समिट 2025 में भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक, शुगर केंद्र भोजपुर एफपीओ के चेयरमैन सुनील चौहान, प्रगतिशील किसान मंजू रानी कश्यप और डीपी सिंह सहित कई अन्नदाताओं ने हिस्सा लिया. इस मौके पर किसान नेता सहित प्रगतिशील किसानों ने अन्नदाताओं से एकीकृत खेती अपनाने की अपील की. साथ ही कहा कि किसानों को मार्केट और मांग के हिसाब से अलग-अलग फसल फसलों की खेती करनी चाहिए. इससे कमाई में बहुत अधिक बढ़ोतरी हो सकती है. साथ ही किसानों को समय के साथ वैज्ञानिक तकनीकों पर भी फोकस करना चाहिए.

भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक
इस मौके पर धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि किसानों को अब पारंपरिक विधि से नहीं बल्कि वैज्ञानिक तरीके से खेती करनी चाहिए. इससे कम लागत में बंपर पैदावार होगी. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए मौसम का सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. किसान फसल बुवाई करने से पहले कम से कम आगामी 10 दिनों के संभावित मौसम के बारे में जान लें. इससे फसल बुवाई करने में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि आज हर किसान के हाथ में स्मार्ट मोबाइल है. इस मोबाइल में ऐसे फीचर्स हैं, जिसकी मदद से किसान मौसम की सटीक जानकारी हासिल कर सकते हैं. साथ ही धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि किसानों को अब अपने प्रोडक्ट को ब्रांड बनाकर मार्केट में बेचना चाहिए. इससे किसानों को अच्छा रेट मिलेगा.
किसान अपने उत्पाद की करें ब्रांडिंग
धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि किसान गेहूं 25 रुपये किलो बेचता है. लेकिन इसी गेहूं को कंपनियां अच्छी तरह से पैकेजिंग और ब्रांडिंग कर 40 से 45 रुपये किलो बेच रही है. अगर किसान चाहें, तो वे भी अपने उत्पाद को कंपनियों की तरह ब्रांडिंग कर सकते हैं. भल ही किसानों का प्रयास स्थानीय स्तर पर हो, लेकिन इससे उनके उत्पाद को ज्यादा रेट मिलेगा. उन्होंने कहा कि गांव में दूध, दही और छाछ बेचने वाले किसान भी पैकेजिंग कर बिक्री कर सकते हैं. इससे मुनाफा बढ़ जाएगा.

प्रगतिशील किसान मंजू रानी कश्यप
एकीकृत खेती की तरफ बढ़ें युवा
वहीं, केवीके गाजियाबाद से जुड़ीं प्रगतिशील महिला किसान मंजू रानी कश्यप ने किसान इंडिया अन्नपूर्णा 2025 समिट में कहा कि युवा किसानों को एकीकृत खेती की तरफ आगे बढ़ना चाहिए. इससे किसानों को कम लागत में ज्यादा कमाई होगी. उन्होंने कहा कि किसानों को हर काम के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. अपने पैरों पर खड़े होने के लिए खुद से मेहनत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी युवाओं के लिए मछली पालन में बहुत अवसर है. सरकार भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चला रही हैं. किसानों को इन योजनाओं का फायदा उठाना चाहिए. मंजू रानी कश्यप ने कहा कि किसानों को खेती में नई-नई तकनीकों को अपनाना चाहिए. इससे किसानों की कमाई में बढ़ोतरी होगी. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक केवल नई-नई तकनीकों का आविष्कार ही कर सकते हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल कैसे सही तरीके से किया, यह किसानों के अनुभव पर ही निर्भर है.

सुगर केंद्र भोजपुर एफपीओ के चेयरमैन सुनील चौहान
किसानों को व्यापारी बनने की जरूरत
केवीके गाजियाबाद से जुड़े और शुगरकेन भोजपुर एफपीओ के चेयरमैन सुनील चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा है कि हर किसान व्यापारी बने. यह तभी संभव हो पाएगा, जब हर किसान अलग-अलग फसलों की खेती करें. साथ ही वे मार्केट और डिमांड के अनुसार जैविक फसलें भी उगाएं. उन्होंने कहा कि केवल गेहूं और धान उगनाकर किसान व्यापारी नहीं बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसान व्यापारी की तरह आटे की भी बिक्री कर सकते हैं. इसके लिए केवल उन्हें पैकेजिंग और अपने ब्रांड का लोगो लगाना होगा. उन्होंने कहा कि आज गांव में चीनी, गुड़ और चावल- गेहूं से लेकर छाछ बाहर से खरीदी जा रही है. अगर किसान चाहें, तो अपने गांव में ही अपने इन उत्पादों को पैकेजिंग कर अच्छे रेट पर बेच सकते हैं.
गन्ने की खेती करना होगा आसान
केवीके गाजियाबाद से जुड़े और प्रगतिशील किसान डीपी सिंह ने कहा कि गन्ने की खेती में दो तरह की प्रैक्टिस होती है. इंटरकल्चरल ऑपरेशन और फिल्ड पैक्टिस. लेकिन मार्केट में ऐसी मशीनें आ गई हैं, जिसकी मददर से निराई-गुड़ाई की लागत शून्य हो गया है. उनके मुताबिक, गन्ने की खेती को आसान बनाने के लिए ऐसी मशीने आ गई हैं, जो बैटरी से चलती हैं. ये मशीनें निड़ाई-गुड़ाई करने के साथ-साथ जुताई भी करती हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अब ट्रैक्टर-ट्रॉली में गन्ने की भराई की लागत भी काफी कम हो गई है. पहले जहां एक ट्रॉली गन्ने की भराई करने में 5 से 6 मजदूर लगते थे, लेकिन अब मशीनों की मदद से किसान चुटकियों में गन्ने की भराई कर सकते हैं.

गाजियाबाद केवीके प्रमुख प्रमोद कुमार ने आयोजन को सराहा
किसान इंडिया के अन्नपूर्णा समिट 2025 में किसानों को जुटाने में केवीके गाजियाबाद की बड़ी भूमिका रही. केवीके प्रमुख डॉक्टर प्रमोद कुमार ने कहा कि आयोजन से किसानों को खेती की आधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी मिली. किसानों के लिए यह कार्यक्रम बड़े एक्सपोजर वाला साबित हुआ है. इस तरह के कार्यक्रम किसानों के लिए जानकारीपरक होते और उन्हें अन्य लोगों के साथ खेती की नई तकनीकों, विधियों को साझा करने का मौका देते हैं. किसान इंडिया के एडिटर इन चीफ शैलेश चतुर्वेदी ने केवीके प्रमुख प्रमोद कुमार के सहयोग के लिए उन्हें और अतिथि किसानों का धन्यवाद किया.
कार्यक्रम के स्पॉन्सर पंजाब स्टेट को–ऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड यानी मार्कफेड, मिल्कफेड पंजाब– वेरका, नेक्संस बाइ पीसीए टेक्नोलॉजीज और बीएमएस ऑर्गेनिक फार्मर्स प्रॉड्यूसर कंपनी लिमिटेड थे.