किसान इंडिया समिट में डेयरी सेक्टर के धुरंधरों ने किसानों को आमदनी बढ़ाने के अनूठे तरीके बताए, पढ़ें एक्सपर्ट के टिप्स

Kisan India Annapurna Summit 2025: किसान इंडिया के अन्नपूर्णा समिट 2025 में डेयरी और पशुपालन को लेकर नई सोच सामने आई. विशेषज्ञों ने दूध उत्पादन, नस्ल सुधार, तकनीक और बाजार की जरूरत पर जोर दिया. इस मंच से साफ हुआ कि सही नीयत, आधुनिक उपाय और बाजार मिलने पर किसान की आमदनी कई गुना बढ़ सकती है.

Saurabh Sharma
नोएडा | Updated On: 18 Dec, 2025 | 04:01 PM

Annapurna Summit 2025 : देश के भरोसेमंद किसानों के समाचार मंच किसान इंडिया की ओर से आयोजित अन्नपूर्णा समिट में डेयरी सेक्टर को लेकर गहन मंथन हुआ. किसान, नीति निर्माता, डेयरी विशेषज्ञ और सफल उद्यमी एक साथ नजर आए. दूधिया प्रकाश नाम के सत्र में डेयरी सेक्टर के विषेशज्ञ आनंदा ग्रुप के CEO और फाउंडर राधेश्याम दीक्षित,  बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के CEO ओपी सिंह और धनश्री फूड के फाउंडर दुष्यंत भाटी ने अपना अनुभव लोगों से बताया कि तकनीक, सही बाजार और मजबूत नीयत से डेयरी की तस्वीर बदली जा सकती है. चर्चा में साफ हुआ कि दूध उत्पादन बढ़ाने के साथ किसानों की आय और पशुपालन का भविष्य मजबूत करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है.

दूध भी उतना ही अहम, जितना अनाज – राधेश्याम दीक्षित

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आनंदा ग्रुप के CEO और फाउंडर राधेश्याम दीक्षित

आनंदा ग्रुप के CEO और फाउंडर राधेश्याम दीक्षित ने साफ कहा कि किसान की पहचान सिर्फ फसल से नहीं, बल्कि दूध जैसे जरूरी उत्पादों  से भी जुड़ी है. भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और यह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है. उन्होंने विकसित देशों और भारत के फर्क को आसान शब्दों में समझाया. अमेरिका और यूरोप में गाय को सिर्फ पशु माना जाता है, इसलिए वहां एक गाय से साल में बहुत ज्यादा दूध लिया जाता है. वहीं भारत में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है, लेकिन नस्ल सुधार और तकनीक की कमी के कारण उत्पादन पीछे रह जाता है.

नस्ल सुधार और तकनीक की कमी सबसे बड़ी चुनौती

राधेश्याम दीक्षित ने कहा कि भारत में अभी भी अच्छी नस्ल और आधुनिक तकनीक  हर किसान तक नहीं पहुंच पाई है. AI और आधुनिक प्रजनन तकनीक की जानकारी सीमित लोगों तक ही है, इसलिए ज्यादातर किसान आज भी प्राकृतिक तरीके पर निर्भर हैं. उन्होंने बताया कि ब्राजील ने भारत से गई गिर गाय की नस्ल को बेहतर बनाकर गिरोलैंडो गाय विकसित की, जो आज दुनिया में सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्लों में गिनी जाती है. अब सरकार के नए एग्रीमेंट से भारत अपनी ही जेनेटिक ताकत  को वापस ला सकता है. इसके लिए सरकार और किसानों को मिलकर काम करना होगा.

एम्ब्रियो तकनीक से बदलेगी डेयरी की तस्वीर

आनंदा ग्रुप ने अब एम्ब्रियो तकनीक का पूरा सिस्टम तैयार कर लिया है. जल्द ही लैब का उद्घाटन होगा, जहां गिर और साहीवाल  जैसी टॉप नस्लों के एम्ब्रियो तैयार किए जाएंगे. राधेश्याम दीक्षित ने बताया कि जहां बड़ी कंपनियां एक एम्ब्रियो 30 से 35 हजार रुपये में देती हैं, वहीं आनंदा ग्रुप किसानों को यह 5 से 10 हजार रुपये में देगा. SBI के साथ मिलकर इसे 100 से 200 रुपये की आसान किश्तों में उपलब्ध कराने की योजना है. उनका दावा है कि इस तकनीक से जो गाय अभी 6 से 8 लीटर दूध देती है, वह पहले चरण में 20 से 25 लीटर और आगे चलकर 50 से 70 लीटर तक दूध दे सकती है.

किसानों को समझाने से ज्यादा जरूरी है बाजार की उपलब्धता- ओपी सिंह

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बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के CEO ओपी सिंह

किसान इंडिया अन्नपूर्णा 2025 समिट में बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के CEO ओपी सिंह ने किसानों की सबसे बड़ी परेशानी की ओर ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि किसानों को भाषण नहीं, बल्कि बाजार चाहिए. ओपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की पशुपालन योजनाओं  से हजारों परिवार जुड़े हैं, लेकिन बुंदेलखंड जैसे इलाकों में आज भी किसान दूध लेकर शहरों तक जाने को मजबूर हैं. जब किसान को सही दाम और बाजार मिलेगा, तो वह खुद मेहनत करेगा. उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी पिछले 6 सालों में करीब 2 हजार करोड़ रुपये का कारोबार कर चुकी है. नीतियां बहुत हैं, लेकिन असली फर्क नीयत और जमीन पर काम करने से पड़ता है.

सही देखभाल बढ़ा देती है उत्पादन और किसानों की कमाई – दुष्यंत भाटी

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धनश्री फूड के फाउंडर दुष्यंत भाटी

धनश्री फूड के फाउंडर दुष्यंत भाटी की कहानी इस समिट में सबसे प्रेरक रही. उन्होंने 2 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट पैकेज छोड़कर पशुपालन को अपनाया. सिर्फ 6 गायों से शुरू हुआ सफर आज 14 एकड़ के फार्म और 200 गायों तक पहुंच चुका है. उनके फार्म से दूध, मिठाइयां और डेयरी उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंचते हैं. इसके लिए उन्होंने मोबाइल ऐप, रेस्टोरेंट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार किया है. अब वे डेयरी उत्पादों के एक्सपोर्ट की भी तैयारी कर रहे हैं. दुश्यंत भट्टी ने कहा कि नस्ल से ज्यादा जरूरी है गाय की सही देखभाल. अगर देखभाल सही हो, तो उत्पादन अपने आप बढ़ता है. उन्होंने कहा कि पशुपालन के दौरान देखभाल सबसे अहम बिंदु है.

कार्यक्रम के स्पॉन्सर पंजाब स्टेट को–ऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड यानी मार्कफेड, मिल्कफेड पंजाब– वेरका, नेक्संस बाइ पीसीए टेक्नोलॉजीज और बीएमएस ऑर्गेनिक फार्मर्स प्रॉड्यूसर कंपनी लिमिटेड थे.

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Published: 18 Dec, 2025 | 03:11 PM
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