Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को ऐलान किया कि राज्य में धान की सरकारी खरीद 22 सितंबर 2025 से शुरू होगी. पहले यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर से होनी थी, लेकिन अब किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए तारीख आगे बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए अब धान की खरीद तय समय से पहले शुरू की जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने चावल की डिलीवरी और बोनस की समय सीमा भी बढ़ाकर 15 मार्च से 30 जून 2025 कर दी है. सैनी ने कहा है कि इस फैसले से राज्य की करीब 1,000 मिलों को सीधा फायदा मिलेगा. मिल मालिकों को 50 करोड़ रुपये तक की होल्डिंग चार्ज में राहत भी मिलेगी. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार को जानकारी दी थी कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) ने चावल की डिलीवरी करीब 45 दिन देर से शुरू की, जिससे मिलर्स तय समय में काम पूरा नहीं कर पाए. इस मांग को जायज मानते हुए सरकार ने बोनस की अवधि 15 मार्च से बढ़ाकर 30 जून 2025 कर दी है. साथ ही, चावल की डिलीवरी की अंतिम तारीख भी अब 30 जून 2025 कर दी गई है.
होल्डिंग चार्ज में भी राहत दी जाएगी
इस फैसले से सभी राइस मिलर्स को न सिर्फ बोनस मिलेगा, बल्कि होल्डिंग चार्ज में भी राहत दी जाएगी. विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए सैनी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने किसानों को गुमराह किया कि बीजेपी सरकार एमएसपी खत्म कर देगी, जबकि सच्चाई यह है कि हमने लगातार एमएसपी बढ़ाई है. उन्होंने कहा कि 2014 में सामान्य धान की MSP 1,360 रुपये क्विंटल थी, जो अब 2,369 रुपये क्विंटल हो गई है. ग्रेड-ए धान की MSP 1,400 रुपये क्विंटल थी, जो अब 2,389 रुपये क्विंटल है. सैनी ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव समर्थन दे रही है.
- 500 रुपये क्विंटल होगा गन्ने का MSP? पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार से की बड़ी मांग.. किसानों को होगा फायदा
- Mandi Bhav: गिरकर 800 रुपये क्विंटल हुआ प्याज, किसानों को मिलेगी 1500 रुपये क्विंटल आर्थिक मदद ?
- बाढ़ से 1509 किस्म धान को सबसे ज्यादा नुकसान.. पैदावार में गिरावट, 25 हजार प्रति एकड़ मुआवजा कब मिलेगा?
धान खरीद शुरू करने की मांग कर रहे थे किसान
बता दें कि हरियाणा में धान की कटाई शुरू हो चुकी है. ऐसे में किसान संगठन काफी समय से धान खरीद शुरू करने की मांग कर रहे थे. किसानों का कहना है कि धान और बाजरा की फसल मंडियों में आने लगी है और महीने के अंत तक कटाई तेज हो जाएगी. अगर सरकारी खरीद में देरी हुई, तो किसानों को मजबूरन अपनी फसल कम दामों पर प्राइवेट व्यापारियों को बेचनी पड़ेगी. इसी मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) ने हरियाणा के कई जिलों में डीसी कार्यालयों के बाहर एक दिन का उपवास रखा था. संगठन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी खुद कुरुक्षेत्र डीसी कार्यालय के बाहर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक उपवास पर बैठे थे.