Uttar Pradesh News: रबी सीजन की शुरुआत होने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को तिलहनी फसलों की खेती के लिए बढ़ावा देने लग गई है. ताकि तेल खाद्यान्न पर दूसरे देशों की निर्भरता को कम किया जा सके और प्रदेश में तिलहनी उत्पादन को बढ़ाया जा सके. इसके लिए प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के नेतृत्व में किसानों को सरसों के बीज फ्री में दिए जा रहे हैं. खास बात ये है कि तिलहनी फसलों की खेती के साथ-साथ प्रदेश में गन्ने के साथ सरसों की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा और इसके लिए भी किसानों को बीज फ्री में उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
3 तरह से होगा बीजों का वितरण
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की निशुल्क बीज उपलब्ध कराने वाली योजना के तहत किसानों को तीन तरह से सरसों का मुफ्त बीज दिया जा रहा है-
- ऐसे किसान जो केवल सरसों की बुवाई करना चाहते हैं कृषि विभाग उन्हें सरसों के बीज का 2 किलोग्राम वाला पैकेट फ्री में दे रहा है.
- ऐसे किसान जो अपने गन्ने के खेत में खाली पड़ी जगह का सही इस्तेमाल करना चाहते हैं उन्हें गन्ने के साथ सरसों की इंटरक्रॉपिंग के लिए 4 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर की दर से दिए जाएंगे.
- जो भी किसान 1 हेक्टेयर तक के इलाके में सरसों की खेती करना चाहते हैं उन्हें विभाग की ओर से 5 किलोग्राम बीज उपलब्ध कराए जाएंगे.
बीज के लिए ऐसे करें आवेदन
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग की ओर से सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी के अनुसार, अगर आप यूपी के किसान हैं और कृषि विभाग की निशुल्क बीज योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो योजना के लिए खुद को पंजीकृत कराएंगे. पंजीकरण के लिए-
- इच्छुक किसान को फ्री में बीज लेने के लिए कृषि विभाग के पोर्टल-2 पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
- किसान चाहें तो खुद ही नजदीकी राजकीय कृषि बीज भंडार जाकर आवेदन कर सकते हैं.
- ध्यान दें कि, बीज लेने के लिए आधार कार्ड और किसान पंजीकरण नंबर की जरूरत होगी.
किसानों को होगा दोहरा फायदा
यूपी कृषि विभाग की इस योजना से किसानों को दोहरा फायदा होगा. गन्ने के साथ सरसों बोने से एक ही खेत से दो फसलें मिलेंगी, जिनकी उपज को बाजार में बेचकर किसान दोहरी कमाई कर सकेंगे. सरसों की खेती से तेल उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी. बता दें कि, सरसों से तेल और खली दोनों मिलते हैं, जिससे किसानों की घरेलू जरूरत भी पूरी होगी और बाजार में एक्स्ट्रा आमदनी भी होगी. इसके अलावा इंटरक्रॉपिंग से मिट्टी की उर्वरता में भी सुधार आता है.