Mustard Farming: रबी सीजन की शुरुआत होने के साथ ही देशभर में किसानों ने रबी फसलों की खेती की शुरुआतक कर चुके हैं. इन्हीं रबी फसलों की प्रमुख फसलों में से एक है सरसों की फसल, जिसकी खेती किसान बड़े पैमाने पर करते हैं. आज के समय में किसानों के बीच सरसों की नई किस्म RH-1706 काफी लोकप्रिय हो रही है. ये किस्म अपनी उच्च पैदावार, रोग प्रतिरोधक क्षमता और कम लागत में बेहतर उत्पादन देने के कारण सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद विकल्प बन गई है. किसान चाहें तो इसके बीज घर बैठे आसानी से ऑनलाइन मंगवा सकते हैं.
क्या है इस किस्म की खासियत
सरसों की किस्म RH-1706 को हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है. इस किस्म के भूरे-काले रंग के बीज तेल की मात्रा और उसकी क्वालिटी दोनों के लिए ही अच्छी मानी जाती है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत ये है कि तब भी अच्छी पैदावार देती है जहां मौसम इसके अनुकूल नहीं होता है. साथ ही ये किस्म अल्टरनेरिया ब्लाइट, व्हाइट रस्ट और पत्तियों के झुलसा रोग से लड़ने की भी क्षमता रखती है. बता दें कि, ये किस्म बुवाई के करीब 130 से 135 दिन बाद पककर तैयार हो जाती है. इसके अलावा इसमें तेल की मात्रा भी 40 से 42 फीसदी तक होती है. जिसके कारण बाजार में भी इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है.
यहां से खरीदें बीज
सरसों की उन्नत किस्मों (Best Mustard Seeds) की खेती करने में किसानों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़ें, इसके लिए राष्ट्रीय बीज निगम (National Seed Corporation) सरसों की किस्म RH-1706 के 2 किलोग्राम बीज का पैकेट 14 फीसदी छूट के साथ मात्र 300 रुपये में उपलब्ध करा रहा है.
किसान ऑनलाइन ऑर्डर करें
- सरसों की किस्म RH-1706 के 2 किलोग्राम ग्राम बीज खरीदने के लिए राष्ट्रीय बीज निगम की आधिकारिक ई-कॉमर्स वेबसाइट ONDC के तहत mystore.in पर जाएं.
- सरसों की किस्म RH-1706 के 2 किलोग्राम ग्राम बीज के पैकेट पर क्लिक करें.
- अगली स्क्रीन पर आपको चेकआउट ‘Checkout’ का ऑप्शन दिखेगा, उसपर क्लिक करें.
- इसके बाद आपको अपना रजिसटर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा, जिसके बाद आपके पास एक ओटीपी (OTP) आएगा.
- ओटीपी भरने के बाद अपने घर का पता देकर ऑर्डर पूरा करें.
ऐसे करें सरसों की खेती
सरसों की खेती के लिए बेस्ट सम अक्टूबर से मध्य से नवंबर के पहले हफ्ते तक की जाती है. इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट या हल्की रेतीली मिट्टी सही मानी जाती है. इस किस्म की अच्छी ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी है कि किसान मिट्टी में प्रति एकड़ की दर से 50 किलोग्राम यूरिया, 30 किलोग्राम डीएपी और 10 किलोग्राम पोटाश. बुवाई के 20 से 25 दिन बाद जब बीज अंकुरित होने लगें तो फसल को पहली सिंचाई दें.