Terrace Farming: अगले महीने यानी नवंबर से सर्दी के मौसम का आगमन हो जाएगा. इसके साथ ही मार्केट में हरी सब्जियों की कई वैरायटी आ जाएंगी. लेकिन सबसे ज्यादा डिमांंड में हरी मटर रहेगी. हालांकि, दिसंबर तक इसका रेट काफी ज्यादा रेहगा. ऐसे में आम लोगों के बजट से हरी मटर बाहर की चीज रहेगी. लेकिन अब आम लोगों की चिंता करने की जरूरत नहीं. आप घर की छत, बालकनी या गमले में भी हरी मटर असानी से उगा सकते हैं. क्योंकि मार्केट में हरी मटर की कई ऐसी किस्में आ गई हैं, जो 40 दिन में ही तैयार हो जाती हैं. यानी अगर आप आज हरी मटर की बुवाई करते हैं, तो दिसंबर से उत्पादन शुरू हो जाएगा. बस इसके लिए आपको नीचे बताए गए तरीकों को अपनाना होगा.
एक्सपर्ट के मुताबिक, अब आप घर में ही बिना ज्यादा पैसा खर्च किए हरी और देसी मटर भी उगा सकते हैं. सिर्फ 40 से 60 दिनों में मटर की फलियां लगनी शुरू हो जाएंगी. इसके लिए सबसे पहले 12 से 16 इंच का गमला लें और उसमें अच्छी मिट्टी भरें. अब 1-2 इंच गहराई में मटर के बीज डालकर मिट्टी से ढक दें. बीजों को अंकुरित होने तक मिट्टी को हल्का नम रखें, लेकिन पानी ज्यादा न दें. गमले को ऐसी जगह रखें जहां कम से कम 8 घंटे की धूप मिले. वहीं, बीज की बुवाई करने के करीब 20-25 दिन बाद गमले में जैविक खाद डालें और पौधे की समय-समय पर देखभाल करें. यदि आपने यह सब सही तरीके से किया, तो जल्द ही आपके गमले में हरी मटर की फली ही फली नजर आएगी.
मटर बुवाई का पूरा प्रोसेस
अच्छी क्वालिटी के मटर के बीज लें और उन्हें गमले की मिट्टी में 1-2 इंच गहराई में बो दें. हर बीज के बीच 2 से 6 इंच की दूरी रखें, ताकि पौधों को फैलने की जगह मिले.
पानी कैसे दें?
बीज बोने के बाद स्प्रे पंप या वाटरिंग कैन से हल्का पानी दें, जिससे मिट्टी अच्छी तरह गीली हो जाए, लेकिन पानी जमा न हो.
सही जगह चुनें
गमला ऐसी जगह रखें जहां रोज 6 से 8 घंटे की सीधी धूप मिल सके. इससे पौधे मजबूत और हरे-भरे बनते हैं.
नमी बनाए रखें
अंकुर निकलने तक मिट्टी में हल्की नमी बनाए रखें. ध्यान रखें कि गमले में ज्यादा पानी न भर जाए, वरना बीज सड़ सकते हैं..
खाद कब डालें?
20- 25 दिन बाद थोड़ी जैविक खाद डालें, जिससे पौधा तेजी से बढ़े और फली जल्दी लगे.
सहारा देना जरूरी है
जब पौधा बड़ा होने लगे, तो उसे ऊपर चढ़ने के लिए सहारा दें. इसके लिए आप जाली या लकड़ी की खूंटी का इस्तेमाल कर सकते हैं.