हरियाणा के करनाल में बड़ा धान घोटाले का खुलासा हुआ है. जिले की 5 अनाज मंडियों से राइस मिलों को अलॉट किया गया 5.93 करोड़ रुपए का सरकारी धान गायब हो गया. शुरुआती जांच के बाद एक राइस मिलर्स और कई मंडी अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. किसान नेता गुणी प्रकाश ने मामले पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए किसानों के साथ अन्याय करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने राज्य की सभी मंडियों में जांच की मांग उठाई है.
करनाल के जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार ने कहा कि गांव सलारू स्थित मैसर्ज बतान फूड्स राइस मिल को 2025-26 के दौरान मिलिंग के लिए अलॉट की धान की भौतिक जांच की है. जिसमें बड़े स्तर पर धान गायब मिला है. यह धान करनाल मंडी, घरौंडा मंडी, जुंडला, निसिंग और तरावड़ी अनाजमंडी से बतान फूड्स को अलॉट की गई थी, जिसकी कीमत 5.93 करोड़ रुपये बताई गई.
राइस मिल को अलॉट धान जांच में गायब मिला
जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को जांच के दौरान बतान फूड्स राइस मिल के प्रोपराइटर सतीश कुमार ने टीम को बताया था कि उसको अलॉट किया गया धान बतान फूडस गांव सलारू में 33254 बैग रखा है, जबकि भाटिया ओपन प्लेटी जुंडला मंडी में 30853 बैग लगे हैं. जबकि, राइस मिल की ओर से दो अलग-अलग स्थानों पर धान रखने की कार्यालय से कोई अनुमति नहीं ली गई.
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जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक की जांच में कुल 33759 बैग यानि 12659.62 क्विंटल पीआर धान बतान फूड में कम मिला है. इस राइस मिल में घरौंडा, जुंडला, करनाल, निसिंग से धान भेजी हुई है. राइस मिलर्स की ओर से गलत रिपोर्ट पेश कर विभाग को गुमराह किया गया है. इस मिल की एग्रीमेंट फाइल भी अधूरी है.
7 मंडी निरीक्षकों और सचिवों के खिलाफ केस दर्ज
धान घोटाले का पर्दाफाश होने पर मामले में सदर थाना पुलिस ने मैसर्ज बतान फूड्स राइस मिल सलारू के संचालक सतीश कुमार, अनाज मंडी घरौंडा के निरीक्षक यशवीर, जुंडला के निरीक्षक संदीप, करनाल मंडी के निरीक्षक समीर और निसिंग मंडी के निरीक्षक लोकेश पर केस दर्ज किया है. इसके अलावा तरावड़ी मंडी के सचिव संजीव और निरीक्षक रामफल पर केस दर्ज किया गया है.
तरावड़ी में 855 मीट्रिक टन धान कम, कार्रवाई की मांग
जिला विपणन प्रवर्तन (डीएमईओ) ईश्वर सिंह की ओर से तरावड़ी एरिया में 27 अक्टूबर को सांभली में बीआरसी ओवरसीज राइस मिल में धान के स्टॉक की जांच की. इसमें 855 मीट्रिक टन का स्टॉक कम पाया गया है. मिल की तरफ से टीम को बताया गया कि धान की बाकी बोरियां सग्गा सबयार्ड में रखी गई हैं. जबकि, यहां रखने की अनुमति नहीं थी. जांच में पता चला कि मैसर्ज मित्तल एग्रो इम्पेक्स और मैसर्ज सान्या मिल का स्टॉक भी यहीं पर है. तीनों फर्मों के स्टॉक को जोड़ा जाए तो सग्गा सब यार्ड में 3078 मीट्रिक टन धान बनता है. जबकि जांच में स्टॉक 2212.86 मीट्रिक टन धान पाया गया है. जांच से बचने को तीनों फर्मों ने संयुक्त रूप से स्टॉक एक ही स्थान पर रखा. इस केस में मिलरों पर कार्रवाई नहीं की गई.

भारतीय किसान यूनियन मान के प्रदेश अध्यक्ष गुणी प्रकाश.
हरियाणा की सभी मंडियों की जांच शुरू होगी
भाकियू मान के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष और केंद्र सरकार की एमएसपी कमेटी के सदस्य गुणी प्रकाश ने धान घोटाले पर अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए तत्काल बर्खास्तगी की कार्रवाई करने की राज्य सरकार से मांग की है. किसान नेता गुणी प्रकाश ने कहा कि इन मंडी अधिकारियों और मिलर्स की मिलीभगत से किसानों को तय दाम नहीं मिल पा रहा है और मनमाने तरीके से धान में नमी बताकर किसानों को ठगा जा रहा है. उन्होंने और बड़े धान घोटाले का अंदेशा जताते हुए राज्यभर की सभी मंडियों की जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से की है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री जल्द ही जांच कमेटी का गठन कर सकते हैं.
 
 
                                                             
                                 
                             
                             
                             
                             
 
 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                    