मध्य प्रदेश के किसान सीखेंगे मखाना खेती, 150 लोगों को मिलेगी बिहार में स्पेशल ट्रेनिंग

बिहार के दरभंगा को मखाना उत्पादन का गढ़ माना जाता है. यहां के रिसर्च सेंटर ने पूरे देश को मखाने की वैज्ञानिक खेती के गुर सिखाए हैं. अब इसी अनुभव से मध्य प्रदेश के किसानों को लाभ देने की योजना बनी है.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 19 Jul, 2025 | 11:03 AM

मध्य प्रदेश के किसानों के लिए एक नई और लाभकारी शुरुआत होने जा रही है. अब राज्य में पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं, चना और धान के साथ-साथ मखाना (Fox Nut) की भी खेती की जाएगी. खास बात यह है कि बिहार की तर्ज पर एमपी में भी यह पहल शुरू की जा रही है. शुरुआत नर्मदापुरम जिले से हो रही है, जहां पहले चरण में लगभग 50 हेक्टेयर क्षेत्र में मखाना उगाया जाएगा. इस योजना के तहत किसानों को बिहार के दरभंगा स्थित मशहूर मखाना अनुसंधान केंद्र में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

दरभंगा से मिल रहा है ट्रेनिंग का रास्ता

बिहार के दरभंगा को मखाना उत्पादन का गढ़ माना जाता है. यहां के रिसर्च सेंटर ने पूरे देश को मखाने की वैज्ञानिक खेती के गुर सिखाए हैं. अब इसी अनुभव से मध्य प्रदेश के किसानों को लाभ देने की योजना बनी है. नर्मदापुरम जिले के 150 किसानों को पहले चिन्हित किया गया है, जिन्हें वहां भेजा जाएगा ताकि वे मखाने की व्यावसायिक और वैज्ञानिक खेती सीख सकें. यह ट्रेनिंग पूरी तरह सरकार की देखरेख में होगी.

तालाबों में होगी मखाने की खेती

मखाने की खेती सामान्य खेतों में नहीं होती, इसके लिए जलभरे क्षेत्र या तालाब की जरूरत होती है. इसलिए किसानों को तालाब आधारित खेती की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है. नर्मदापुरम जिले में कई गांव ऐसे हैं जहां प्राकृतिक या मानव-निर्मित तालाब हैं, जो मखाना उत्पादन के लिए अनुकूल माने जा रहे हैं.

बाजार में ऊंची कीमत, किसानों को होगा बड़ा फायदा

मखाना एक हाई-वैल्यू फसल है, जिसकी बाजार में कीमत करीब 1500 से 2500 रुपये प्रति किलो तक जाती है. इसकी मांग देश-विदेश दोनों जगह लगातार बढ़ रही है. ऐसे में अगर एक तालाब से 5-10 क्विंटल तक भी उत्पादन हो जाए, तो किसान सालाना लाखों की कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा सरकार की योजना है कि किसानों को प्रशिक्षण के बाद बीज, खाद और अन्य तकनीकी सहायता भी सब्सिडी पर उपलब्ध कराई जाए.

अभी भी भ्रम में हैं कई किसान

हालांकि कुछ किसान इस नई फसल को लेकर असमंजस में हैं. उनकी चिंता है कि क्या यह खेती वाकई लाभदायक होगी? सरकार कितनी सब्सिडी देगी? तालाबों की साफ-सफाई और रखरखाव का खर्च कौन उठाएगा? इसीलिए उद्यानिकी विभाग लगातार गांवों में बैठकें कर रहा है और किसानों को मखाने की खेती के फायदे और संभावनाओं से अवगत करा रहा है.

मखाना- सेहत और मुनाफे का बेहतरीन मेल

मखाना सिर्फ मुनाफे वाली फसल नहीं, यह एक हेल्दी सुपरफूड भी है. इसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं. डायबिटीज, मोटापा और हृदय रोग में यह लाभकारी माना जाता है. देश-विदेश में इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है, जिससे किसानों के लिए यह एक स्थायी और सम्मानजनक आजीविका का साधन बन सकता है.

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Published: 19 Jul, 2025 | 10:43 AM

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