लखीमपुर खीरी में सृजनी दुग्ध उत्पादक संगठन (एमपीओ) ने दूध क्रांति की नई इबारत लिख दी है. 24 हजार महिलाओं के इस संगठन ने न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि 810 गांवों के पशुपालकों को दूध के लिए 10-15 रुपये ज्यादा दाम दिलाकर उनकी जिंदगी बदल दी. लखीमपुर में औसतन 40,000 लीटर क्षमता वाले नए दूध अवशीतन केंद्र के उद्घाटन ने इस क्रांति को और रफ्तार दी है. आइए जानते हैं, कैसे यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है?
क्वालिटी की गारंटी
लखीमपुर खीरी में सृजनी एमपीओ का औसतन 40,000 लीटर क्षमता वाला दूध अवशीतन केंद्र शुरू हुआ. इसका उद्घाटन पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय और एनडीडीबी अध्यक्ष डॉ मीनेश शाह ने किया. समारोह में एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज के प्रबंध निदेशक डॉ सीपी देवानंद, सृजनी एमपीओ की अध्यक्ष रोहिणी देवी और मुख्य कार्यकारी लखविंदर सिंह मौजूद थे. यह केंद्र दूध को जल्दी ठंडा करके खराब होने से बचाएगा, जिससे क्वालिटी बनी रहेगी और शेल्फ लाइफ बढ़ेगी.
24 हजार महिलाओं की ताकत, 75 हजार किलो दूध रोज
2023 में शुरू हुआ सृजनी एमपीओ छह जिलों के 810 गांवों में काम करता है. इसके सभी 24,000 सदस्य महिलाएं हैं. अब यह संगठन रोज 75,000 किलो दूध इकट्ठा करता है. नया केंद्र गांवों से दूध तेजी से इकट्ठा करेगा और महिलाओं को दूध से जुड़े बिजनेस शुरू करने का मौका देगा. यह पहल ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है.
10-15 रुपये ज्यादा कमाई, समय पर पैसा
सृजनी से जुड़ी महिलाओं ने सचिव एवं अध्यक्ष से संवाद करते हुए बताया कि बताया कि अब उन्हें दूध का पैसा समय पर मिलता है और हर लीटर पर 10-15 रुपये ज्यादा कमाई होती है. संगठन चारा, मिनरल मिक्सचर और कृत्रिम गर्भाधान जैसी सुविधाएं देता है. इससे पशुपालन आसान और फायदेमंद हो गया है. महिलाएं इस कमाई से अपने परिवार की जिंदगी बेहतर कर रही हैं.
सरकार का बड़ा प्लान, जनपशु औषधि केंद्र
उपाध्याय ने कहा कि सरकार गांव की महिलाओं की कमाई बढ़ाने के लिए दूध उत्पादन को बढ़ावा दे रही है. जल्द ही जनपशु औषधि केंद्र खोले जाएंगे, जैसे जनऔषधि केंद्र. सहकारी समितियां कृषि समृद्धि केंद्र चलाएंगी. वहीं डॉ शाह ने सृजनी की ‘लखपति दीदियों’ की तारीफ की और और महिलाओं को जॉइन करने को कहा.
आधुनिक तकनीक से दूध की शुद्धता
उपाध्याय ने केंद्र में दूध टेस्ट करने की आधुनिक मशीनों को देखा और सृजनी की तारीफ की. यह केंद्र दूध को साफ और सुरक्षित रखेगा, जिससे ग्राहकों को बेहतर दूध मिलेगा. सृजनी एमपीओ की यह पहल 810 गांवों के पशुपालकों को नई ताकत दे रही है और दूध क्रांति को रफ्तार दे रही है.