Tips: गर्भवती गायों-बकरियों की देखभाल में हो सावधानी, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

खेती के साथ पशुपालन भी तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन गर्भवती पशुओं की लापरवाही से देखभाल करना नुकसानदायक हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, गर्भावस्था में सही देखभाल से मां और बच्चे दोनों की जान बचाई जा सकती है.

नोएडा | Updated On: 5 Aug, 2025 | 10:24 AM

आज के समय में खेती के साथ-साथ पशुपालन एक तेजी से उभरता हुआ व्यवसाय बन गया है. नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 60 फीसदी से अधिक ग्रामीण परिवार पशुपालन से जुड़े हैं. खासकर गाय, भैंस और बकरी पालन में युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है. हालांकि, गर्भवती पशुओं की देखभाल में लापरवाही भारी नुकसान का कारण बन सकती है. पशु चिकित्सकों के अनुसार गर्भावस्था के दौरान विशेष देखरेख से मां और बछड़े दोनों की जान बचाई जा सकती है.

संतुलित पोषण और पानी की पर्याप्त व्यवस्था

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गर्भवती पशुओं को पौष्टिक और संतुलित आहार देना बेहद जरूरी होता है. आहार में प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स की उचित मात्रा होनी चाहिए. साथ ही हरा चारा और सूखा चारा दोनों की उपलब्धता जरूरी है. साफ और ताजा पानी हमेशा पशु के पास उपलब्ध होना चाहिए ताकि उसका स्वास्थ्य बना रहे.

स्वच्छता और सुरक्षित रहने की जगह

गर्भावस्था के दौरान पशुओं के रहने की जगह को साफ-सुथरा और सूखा रखना बहुत महत्वपूर्ण है. गंदगी से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जो गर्भवती पशु और उसके बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है. इसलिए आवास की नियमित सफाई और कीटाणु नाशक उपाय जरूरी हैं.

नियमित टीकाकरण और चिकित्सकीय देखभाल

गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर पशु का टीकाकरण कराना जरूरी होता है. साथ ही पशु चिकित्सक से नियमित जांच कराते रहना चाहिए. किसी भी बीमारी या असामान्यता के लक्षण दिखते ही तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें ताकि समय रहते इलाज संभव हो सके.

तनावमुक्त माहौल और उचित आराम

गर्भवती पशु को मानसिक और शारीरिक रूप से तनाव मुक्त रखना आवश्यक है। हल्का-फुल्का व्यायाम कराना चाहिए ताकि पशु स्वस्थ और सक्रिय रहे. साथ ही आराम करने के लिए पर्याप्त स्थान देना जरूरी है. जन्म के समय यदि कोई समस्या हो जैसे बच्चा न निकलना तो तुरंत विशेषज्ञ की सहायता लें.

Published: 5 Aug, 2025 | 06:00 AM