शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण विकास और कृषि योजनाओं की मैराथन समीक्षा की. लेकिन ये सिर्फ फॉर्मल बैठक नहीं थी. यह गांवों की तस्वीर बदलने की रणनीति तय करने का मौका था. बातचीत की धुरी में थीं महिलाएं, स्वयं सहायता समूह की दीदियां, महिला किसान और पशुपालन से लखपति बनने का सपना देखती ग्रामीण महिलाएं. इस समीक्षा बैठक में चार प्रमुख बिंदुओं पर खास जोर दिया गया महिला केंद्रित ‘लखपति दीदी’ अभियान, पशुपालन को ग्रामीण महिलाओं की आजीविका से जोड़ना, जल व भूमि प्रबंधन की तकनीकी रणनीति और डिजिटल भूमि अभिलेखों की पारदर्शिता.
महिलाएं बनेंगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़
नई दिल्ली के कृषि भवन में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा बैठक की. इस दौरान इन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत की तस्वीर तब बदलेगी जब महिलाएं खेती और पशुपालन के केंद्र में होंगी. उन्होंने बताया कि महिला किसानों की संख्या अब साढ़े चार करोड़ से अधिक हो चुकी है, जो एक बड़ी सामाजिक उपलब्धि है, जो एक आशाजनक संकेत है कि महिलाएं अब खेती और अर्थव्यवस्था की ओर कदम बढ़ा रही हैं.
पशुपालन से बढ़ेगी दीदियों की कमाई,
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि और पशुपालन एक-दूसरे के पूरक हैं और महिलाओं को इन दोनों क्षेत्रों में सक्रिय कर दोहरे लाभ दिलाए जा सकते हैं. उन्होंने दुग्ध उत्पादन की बढ़ती मांग का हवाला देते हुए ग्रामीण महिलाओं को पशुपालन से जोड़ने की रणनीति पर जोर दिया. मंत्री ने स्पष्ट किया कि ‘लखपति दीदी’ अब सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक आर्थिक क्रांति का चेहरा है. दीदियों को अब बड़े उद्यमियों की तरह तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बाजार तक पहुंच बढ़ाने और स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए.
जल, जमीन और तकनीक के समन्वय से बढ़ेगा ग्रामीण विकास
बैठक में वाटरशेड विकास, मृदा नमी संरक्षण और स्प्रिंगशेड योजनाओं पर गंभीर मंथन हुआ. शिवराज सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि AI और IoT जैसी तकनीकों का उपयोग कर निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) विकसित की जाए. वहीं मिशन अमृत सरोवर के तहत देशभर में 68 हजार से अधिक सरोवरों का निर्माण हो चुका है, जिनका उपयोग जल संरक्षण के साथ-साथ आजीविका गतिविधियों में भी हो रहा है और इस बदलाव में महिलाओं की भूमिका अहम बन रही है. ये समूह सरोवरों के माध्यम से विविध प्रकार की आजीविका गतिविधियों जैसे कि कृषि, मत्स्यपालन, पर्यटन व मनोरंजनात्मक कार्यक्रमों का संचालन कर रहे हैं. इन सरोवरों के माध्यम से महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं और वे अपनी आजीविका को मजबूत करने में सक्षम हो रही हैं.
डिजिटल भूमि रिकॉर्ड और पारदर्शी सिस्टम पर फोकस
डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) की समीक्षा के दौरान कृषि मंत्री ने बताया कि 99 फीसदी रिकॉर्ड कंप्यूटरीकृत हो चुके हैं और 97 फीसदी नक्शे डिजिटाइज किए जा चुके हैं. वहीं उप रजिस्ट्रार कार्यालयों को 95 प्रतिशत तक कम्प्यूटराइज किया जा चुका है. उन्होंने निर्देश दिए कि भूस्वामियों के रिकॉर्ड में आधार, मोबाइल और पता जोड़कर इसे और पारदर्शी बनाया जाए. इस दौरान NAKSHA कार्यक्रम की प्रगति की भी समीक्षा हुई और जून 2025 तक सभी शहरी स्थानीय निकायों में एरियल सर्वे पूरा करने के निर्देश दिए गए.